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________________ १४२ ) छक्खंडागमे वग्गणा-खंड ( ५, ४, ३१. सव्व-सिद्धिविमाणवासियदेवेसु पओअकम्म-समोदाणकम्म-किरियाकम्माणमंतरं केवचिरं कालादो होदि? णाणेगजीवं पड़च्च णत्थि अंतरं णिरंतरं।। इंदियाणवादेण एइंदियाणं पओअकम्म-समोदाणकम्माणं अंतरं केचिरं कालादो होदि ? णाणेगजीवं पडुच्च पत्थि अंतरं णिरंतरं । आधाकम्मस्स अंतरं केवचिरं कालादो होदि? णाणाजीवं पडुच्च णत्थि अंतरं । एगजीवं पडुच्च जहणेण एगसमओ । उक्कस्सेण तिसमऊणमणंतकालमसंखेज्जपोग्गलपरियट्टा । बादरेइंदियाण पओअकम्म-समोदाणकम्माणमतर केवचिरं कालादो होदि? णाणेगजीवं पडुच्च णस्थि अंतरं । आधाकम्मस्स अंतरं केवचिरं कालादो होदि ? णाणाजीवं पडुच्च णस्थि अंतरं णिरंतरं । एगजीनं पडुच्च जहणेण एगसमओ। उक्कस्सेण तिसमऊणो अंगुलस्स असंखेज्जदिभागो असंखेज्जाओ ओसप्पिणि उस्सप्पिणीओ । बादरेइंदियपज्जत्ताणं पओअकम्म-समोदाणकम्माणमंतरं केवचिरं कालादो होदि? णाणाजीनं पडुच्च णस्थि अंतरं। आधाकम्मस्स अंतरं केचिरं कालादो होदि ? जाणाजीवं पडुच्च पत्थि अंतरं। एगजीवं पडुच्च जहण्णेण एगसमओ । उक्कस्सेण तिसमऊणाणि संखेज्जाणि वस्ससहस्साणि । बादरेइंदियअपज्जत्ताणं पओअकम्म-समोदाणकम्माणं णाणेगजीवं पडुच्च णत्थि अंतरं । आधाकम्मस्स अंतर केवचिरं कालादो होदि? णाणाजी पडुच्च गस्थि अंतरं । एगजीनं पडुच्च जहण्णेण एगसमओ । उक्कस्सेण अंतोमुहुत्तं तिसमऊणं। सर्वार्थसिद्धि विमानवासी देवों में प्रयोगकर्म, समवधानकर्म और क्रियाकर्मका अन्तराल कितना है ? नाना जीवों और एक जीवकी अपेक्षा अन्तरकाल नहीं है, वह निरन्तर है। इन्द्रियमार्गणाके अनुवादसे एकेन्द्रियोंमें प्रयोगकर्म और समवधानकर्मका अन्तरकाल कितना है ? नाना जीवों और एक जीवको अपेक्षा अन्तरकाल नहीं है, वह निरन्तर है। अधःकर्मका अन्तरकाल कितना है ? नाना जीवोंकी अपेक्षा अन्तरकाल नहीं है । एक जीवकी अपेक्षा जघन्य अन्तरकाल एक समम है। उत्कृष्ट अन्तरकाल तीन समय कम अनन्त काल है जो असंख्यात पुदगलपरिवर्तन प्रमाण है । बादर एकेन्द्रियों में प्रयोगकर्म और समवधानकर्मका अन्तरकाल कितना है ? नाना जीवों और एक जीवकी अपेक्षा अन्तरकाल नहीं है। अध:कर्मका अन्तरकाल कितना है ? नाना जीवोंकी अपेक्षा अन्तरकाल नहीं है, निरन्तर है । एक जीवकी अपेक्षा जघन्य अन्तरकाल एक समय और उत्कृष्ट अन्तरकाल तीन समय कम अंगुलके असंख्यातवें भागप्रमाण है जो असंख्यात उत्सर्पिणी और अवसर्पिणीके समयोंके बराबर है। बादर एकेन्द्रिय पर्याप्तकोंके प्रयोगकर्म और समवधानकर्मका अन्तरकाल कितना है? नाना जीवों और एक जीवकी अपेक्षा अन्तरकाल नही है। अधःकर्मका अन्तरकाल कितना है? नाना जीवोंकी अपेक्षा अन्तरकाल नहीं है । एक जीवको अपेक्षा जघन्य अन्तरकाल एक समय है और उत्कृष्ट अन्तरकाल तीन समय कम सख्यात हजार वर्ष है। बादर एकेन्द्रिय अपर्याप्तकोंके प्रयोगकर्म और समवधानकर्मका नाना जीवों और एक जीवकी अपेक्षा अन्तरकाल नहीं है । अध:कर्मका अन्तरकाल कितना है ? माना जीवोंकी अपेक्षा अन्तरकाल नहीं है। एक जीवको अपेक्षा जघन्य अन्तरकाल एक समय है और उत्कृष्ट अन्तरकाल तीन समय कम अन्तर्मुहूर्त है। सूक्ष्म एकेन्द्रियोंके प्रयोगकर्म और Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001812
Book TitleShatkhandagama Pustak 13
Original Sutra AuthorBhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Balchandra Shastri
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1993
Total Pages458
LanguagePrakrit, Hindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size11 MB
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