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रखते हैं, उनके कितने बच्चे हैं ? वगैराह। पर दुभाषिया उसके बदले दूसरे ही प्रश्न पूछता, आपकी धारासभा में कितने सभासद है, स्त्रीयों को मतदान का अधिकार है या नहीं? इस तरह उसने अतिथी को कुशलता से प्रश्न पूछे और स्वयं भी ज्ञानभरे उत्तर दिए और भारत की इज्जत बढ़ाई। कहने का मतलब है दुनिया की उल्टी बातों को सीधी करे, वह समझदार। जो बातों ही बातों में आग लगाए, वे धर्म जीवन के लायक नहीं होते।
अत : जीवन में गंभीरता का गुण प्रथम आवश्यक है। जल्दबाज व्यक्ति स्व-पर दोनों का नुकसान करता है। किसी की बात उसकी सम्मति बिना कहना उचित नहीं, जो व्यक्ति कुटुंब, संसार तथा जीवन में गंभीरतापूर्वक बर्ताव करता है वही सफलता के सोपान चढ़ सकता है।
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