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________________ ४०] मोक्षशास्त्र सटीक नोट- कौन योनि किस जीवके होती है, इस विषयको आगेके चित्रपर देखिये। योनि भेद और उनके स्वामी योनि नाम स्वामी १.सचित्त साधारण शरीर २.अचित्त देव नारकी ३. सचित्ताचित्त गर्भ ज ४. शीत तेजस्कायिक छोड़कर ५. उष्ण तेजस्कायिक ६. शीतोष्ण देव नारकी ७.संवृत देव, नारकी, एकेन्द्रिय ८.विवृत विकलेन्द्रिय ९. संवृतविवृत गर्भ ज १ जीवोंकी उत्पत्ति स्थानको योनि कहते है । योनि और जन्ममें आधार आधेय का अन्तर है। गर्भजन्मकिसके होता है ?जरायुजाण्डजपोतानांगर्भः ॥३३॥ अर्थ- जरायुज, अण्डज, और पोत इन तीन प्रकारके जीवोके गर्भजन्म ही होता है। अथवा गर्भजन्म उक्त जीवोके ही होता है। जरायुज- जालके समान मांस और खूनसे व्याप्त एक प्रकारकी थैलीसे लिपटे हुये जो जीव पैदा होते हैं उन्हे जरायुजकहते हैं। जैसे-गाय, भैंस, मनुष्यवगैरह। अण्डज- जो जीव अण्ड़ेसे उत्पन्न हो उन्हें अण्डज कहते हैं, जैसेचील, कबूतर वगैरह। पोत- पैदा होते समय जिन जीवोंपर किसी प्रकार का आवरण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001795
Book TitleMokshshastra
Original Sutra AuthorUmaswati, Umaswami
AuthorPannalal Jain
PublisherDigambar Jain Pustakalay
Publication Year
Total Pages302
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Tattvartha Sutra, P000, P005, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size12 MB
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