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________________ संख्या संख्या करनाल आचार्य मनोहरदासजी और उनकी परम्परा ४४९ स्थान स्थान बड़सत श्यामली आगरा झिंझाना कुरालसी काछुआ निरपड़ा एलम लिसाढ़ ढिंढाली पीरबिडौली हिलवाड़ी बिनौली मुनि श्री. प्यारेलालजी आपका जन्म वि०सं० १९४४ में आगरा के पैतखेड़ा नामक ग्राम में हुआ। आपके पिता का नाम श्री चौधरी कुमार पाल था। माता का नाम ज्ञात नहीं है। आप दश वर्ष गृहस्थ पर्याय में रहे । अपनी बड़ी बहन आभादेवी को दीक्षित होते हये देख आपके मन में भी वैराग्य भाव अंकुरित हो गये। फलत: १२ वर्ष की आयु में २ वर्ष वैरागी जीवन व्यतीत करने के पश्चात् वि०सं० १९५६ वैशाख शुक्ला तृतीया को एलम में पूज्य मुनि श्री ऋषिराजजी के कर-कमलों से आहती दीक्षा अंगीकार की। ११ वर्ष संयमपर्याय का पालन कर वि०सं० १९६७ ज्येष्ठ शुक्ला चतुर्दशी को करनाल में आपका स्वर्गवास हो गया। मुनि श्री प्रेमराजजी आपका नामोल्लेख के अतिरिक्त कोई विशेष परिचय उपलब्ध नहीं है। मुनि श्री श्यामलालजी आपका जन्म वि०सं० १९४७ ज्येष्ठ शुक्ला एकादशी को आगरा के सन्निकट सोरई नामक ग्राम में हुआ। आपके पिता का नाम श्री चौधरी टोडरमल और माता का नाम श्रीमती रामप्यारी था। आपने मुनि श्री ऋषिराजजी के सान्निध्य में ७ वर्ष तक वैरागी जीवन व्यतीत किया। वि० सं० १९६३ ज्येष्ठ शुक्ला पंचमी दिन मंगलवार को मुजफ्फरनगर के ढिढाली ग्राम में आप गुरुवर्य श्री ऋषिराजजी के श्री चरणों में दीक्षित हुये। अपने वैरागी जीवन से ही आपने शास्त्रों का गहन अध्ययन प्रारम्भ कर दिया था। आप स्वमत-परमत के अच्छे जानकार थे। गुरुवर्य श्री ऋषिराजजी व गुरुभ्राता मुनिश्री प्यारेलालजी में स्वर्गवास के पश्चात् संघ का पूरा दायित्व आपके ऊपर आ गया। लगभग ३० वर्ष तक सामान्य साधु पर्याय व्यतीत करने के पश्चात् वि०सं० १९९३ माघ शुक्ला त्रयोदशी के दिन श्रीसंघ द्वारा नारनौल में आप गणावच्छेदक पद से अलंकृत किये गये। इस समारोह में मुनि श्री खूबचन्दजी, श्री हजारीमलजी, श्री केशरीमलजी, श्री छब्बालालजी, पंचनद के मुनि श्री मदनलालजी, श्री रामलालजी, आचार्य श्री Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001740
Book TitleSthanakvasi Jain Parampara ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain, Vijay Kumar
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2003
Total Pages616
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & religion
File Size10 MB
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