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________________ ३१२ स्थानकवासी जैन परम्परा का इतिहास मुनि श्री हीरजी स्वामी आपके विषय में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है। मुनि श्री भीमजी स्वामी वि०सं० १८६९ माघ सुदि चतुर्थी को लीम्बड़ी में आपने दीक्षा ग्रहण की। अन्य कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। मुनि श्री कचराजी स्वामी आपका जन्म तुंबडी (कच्छ) में हुआ। वि० सं० १८६९ माघ सुदि चतुर्थी को आप दीक्षित हुये। अन्य तिथियाँ अनुपलब्ध हैं। मुनि श्री मानसिंहजी स्वामी आप वि०सं० १८६९ माघ सुदि चतुर्थी को दीक्षित हुये। आपके विषय में अन्य जानकारियों का अभाव है। मुनि श्री मूलजी स्वामी आप वि० सं० १८६९ वैशाख सुदि नवमी को दीक्षित हुये। आपके विषय में और कोई सूचना उपलब्ध नहीं होती है। मुनि श्री नथुजी स्वामी आपके विषय में कोई भी सूचना उपलब्ध नहीं है। मुनि श्री रायचन्दजी स्वामी (छोटे) आपका जन्म रापर में हुआ। वि० सं० १८६९ चैत्र पूर्णिमा को आपने दीक्षा ग्रहण की । स्वर्गवास तिथि उपलब्ध नहीं होती है। मुनि श्री प्रेमजी स्वामी वि०सं० १८६९ वैशाख सुदि चतुर्थी को आप दीक्षित हुये। इसके अतिरिक्त कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। मुनि श्री रायसीजी स्वामी आप वि०सं० १८७० कार्तिक वदि एकादशी को दीक्षित हुये। आपके विषय में अन्य सूचना उपलब्ध नहीं होती है। मुनि श्री धनपालजी स्वामी वि०सं० १८७० कार्तिक वदि एकादशी को आपने आहती दीक्षा ली। अन्य सूचना उपलब्ध नहीं है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001740
Book TitleSthanakvasi Jain Parampara ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain, Vijay Kumar
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2003
Total Pages616
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & religion
File Size10 MB
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