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________________ धर्मदासजी की परम्परा में उद्भूत गुजरात के सम्प्रदाय ३०९ मुनि स्थविर श्री देवजी स्वामी (बड़े) आपका जन्म बांकानेर में हुआ। वि० सं० १८५० चैत्र वदि नवमी को आपने भागवती दीक्षा ग्रहण की। वि०सं० १८८७ प्रथम वैशाख वदि चतुर्थी दिन शनिवार को सौराष्ट्र के जेतपुर में आपका स्वर्गगमन हुआ। मुनि श्री. केशवजी स्वामी आपका जन्म मानकुवा (कच्छ) में हुआ। वि० सं० १८५४ में रापर (कच्छ) में आप दीक्षित हुये और वि०सं० १८७० भाद्र/ चैत्र वदि चतुर्दशी को सुन्द्रा (कच्छ) में आपका स्वर्गवास हुआ। मुनि श्री रुगनाथजी स्वामी आपका जन्म सौराष्ट्र के बढ़वाणा (सौराष्ट्र) में हुआ। वि०सं० १८५५ वैशाख सुदि एकादशी को बढ़वाणा में ही आपकी दीक्षा हुई और वि० सं० १८७६ बढ़वाणा में ही आप देवलोक पधारे। मुनि श्री करमशी स्वामी आपका जन्म सूरत में हुआ। वि०सं० १८५६ में लीम्बड़ी में आप दीक्षित हुये। वि०सं० १९०६ में बढ़वाणा में आपका स्वर्गवास हुआ मुनि श्री. हरजी स्वामी आपका जन्म कच्छ के कांडागरा ग्राम में हुआ। वि० सं० १८५७ प्रथम ज्येष्ठ सुदि एकादशी को कांडागरा में ही आप दीक्षित हुये। स्वर्गवास तिथि उपलब्ध नहीं है। मुनि श्री संघजी स्वामी आपका जन्म खेरोई (कच्छ) में हुआ। वि०सं० १८५९ ज्येष्ठ वदि द्वादशी को आप दीक्षित हुये। वि० सं० १८८३ में आपने स्वर्ग की ओर प्रयाण किया । मुनि श्री राधवजी स्वामी __आपके विषय में विशेष जानकारी अनुपलब्ध है। मुनि श्री करमचन्दजी स्वामी. आपका जन्म देशलपुर में हुआ। वि० सं० १८६० में रापर में आपने आहती दीक्षा ग्रहण की। रापर में ही वि०सं० १८७० में आप स्वर्गस्थ हुए। मुनि श्री मोणसाजी स्वामी (छोटे) आसंबिया (कच्छ) में आपका जन्म हुआ। जाम कडोरना में वि०सं० १८६० में आप दीक्षित हुये। वि०सं० १८६७ में लीम्बड़ी में आपका परलोकगमन हुआ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001740
Book TitleSthanakvasi Jain Parampara ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain, Vijay Kumar
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2003
Total Pages616
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & religion
File Size10 MB
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