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________________ ३०८ स्थानकवासी जैन परम्परा का इतिहास स्थविर मुनि श्री इच्छाजी स्वामी __आपका जन्म वि० सं० १७८२ में हुआ वि०सं० १८१४ में आप स्वर्गस्थ हुये। इसके अतिरिक्त कोई अन्य जानकारी उपलब्ध नहीं है। मुनि श्री तलकशी स्वामी आपका जन्म घ्रोल (हालार-सौराष्ट्र) में हुआ। वि०सं० १८३७ में भुज (कच्छ) में आप दीक्षित हुये और वि०सं० १८६२ में आपने स्वर्ग की ओर प्रयाण किया। मुनि श्री वीरजी. स्वामी आपके विषय में कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं होती है। मुनि श्री. कचराजी स्वामी. आपके विषय में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं होती है। मुनि श्री. रवजी स्वामी आपका जन्म कुतियाणा (सौराष्ट्र) में हुआ। वि०सं० १८३८ पौष सुदि नवमी को आपने दीक्षा ग्रहण की। वि०सं० १८७० पौष सुदि दशमी को लीम्बड़ी में आप स्वर्गस्थ हुये। मुनि श्री नागजी स्वामी आपका जन्म कांडागरा (कच्छ) में हुआ। वि०सं० १८४१ फाल्गुन सुदि पंचमी को गोंडल में आप दीक्षित हुये। मुनि श्री तेजपालजी स्वामी आपका जन्म कच्छ के देशलपुर ग्राम में हुआ। वि० सं० १८४६ वैशाख सुदि पंचमी को आपने संयमजीवन (दीक्षा) धारण किया। वि०सं० १८९१ पौष सुदि चतुर्थी दिन शनिवार को आप देवलोक हुये। मुनि श्री नरसिंहजी स्वामी आपका जन्म देशलपुर में हुआ। वि०सं० १८४९ में आप दीक्षित हुये। वि०सं० १८६९ भाद्रपद वदि चतुर्दशी को थानगढ़ में आपका स्वर्गवास हुआ। स्थविर मुनि श्री मोणसी स्वामी (बड़े) आपका जन्म देशलपुर में हुआ। वि० सं० १८४९ कार्तिक वदि त्रयोदशी को आप दीक्षित हुये। लीम्बड़ी के पास स्थित मोजादड में वि० सं० १८८७ प्रथम वैशाख वदि दशमी दिन शुक्रवार को आप स्वर्गस्थ हुये। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001740
Book TitleSthanakvasi Jain Parampara ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain, Vijay Kumar
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2003
Total Pages616
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & religion
File Size10 MB
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