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________________ १७९ आचार्य जीवराजजी और उनकी परम्परा 'राष्ट्रसन्त' पद से सम्मानित किया गया। राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तरप्रदेश आदि प्रान्त आपके विहार क्षेत्र रहे हैं। मुनि श्री जितेन्द्रमुनिजी- आपका जन्म वि०सं० २००७ भाद्र कृष्णा अष्टमी के दिन उदयपुर जिलान्तर्गत पड़ावली ग्राम में हुआ। आप श्री रत्तारामजी व श्रीमती सरसीबाई के पुत्र हैं। वि० सं० २०२० आश्विन शुक्ला दशमी तदनुसार १८ सितम्बर १९६३ को गढ़ जालोर में श्री गणेशमनिजी शास्त्री के शिष्यत्व में आप दीक्षित हये। आप 'विशारद', 'काव्यतीर्थ' और 'शास्त्री की उपाधि से विभूषित हैं। महाराष्ट्र, हरियाणा व उत्तर प्रदेश आपका विहार क्षेत्र रहा है। मुनि श्री रमेशमुनिजी शास्त्री- आपका जन्म नागौर जिलान्तर्गत बड़ ग्राम में दिनाङ्क २४ जनवरी १९५१ को हुआ। आप श्री पूनमचन्दजी डोसी व श्रीमती धापकुंवर बाई के पुत्र हैं। आपकी माताजी भी दीक्षित हैं, जो महासती श्री प्रकाशवतीजी के नाम से जानी जाती हैं। सन् १९६५ में आप बाड़मेर जिलान्तर्गत गढ़सिवाना में उपाध्याय पुष्करमुनिजी के कर-कमलों में दीक्षित हुए। दीक्षोपरान्त आपने 'सिद्धान्ताचार्य' और 'साहित्यशास्त्री' की परीक्षाएँ उत्तीर्ण की । डॉ० राजेन्द्रमुनिजी शास्त्री- आपका जन्म १ जनवरी १९५४ को हुआ । आप मुनि श्री रमेशमुनिजी के अनुज हैं। १५ मार्च १९६५ को आपने आचार्य श्री देवेन्द्रमुनिजी के सानिध्य में बाड़मेर जिलान्तर्गत गढ़सिवाना ग्राम में आर्हती दीक्षा ग्रहण की। आप 'शास्त्री', 'काव्यतीर्थ', 'साहित्यरत्न', 'जैन सिद्धान्ताचार्य' और 'एम०ए०' की परीक्षाएँ उत्तीर्ण हैं। आगरा विश्वविद्यालय द्वारा आपको ‘आचार्य देवेन्द्रमुनिजी के साहित्य' पर पी-एच० डी० की उपाधि से सम्मानित किया गया है। आपने लगभग २० ग्रन्थों का प्रणयन किया है जिनमें 'चौबीस तीर्थङ्कर', 'सत्य शील की साधिकाएँ', 'जम्बूकुमार', 'मेधकुमार', 'जैनधर्म', 'भगवान् महावीर', “मंगलपाठ', 'उत्तराध्ययन' आदि प्रमुख हैं। मेवाड़, मारवाड़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, आन्ध्र, तमिलनाडु, गुजरात, कर्नाटक, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तरप्रदेश आदि प्रान्त आपके विहार क्षेत्र हैं। ___ मुनि श्री प्रवीणमुनिजी - उदयपुर के समीप कमोल ग्राम में आपका जन्म हुआ था। आपकी जन्म-तिथि उपलब्ध नहीं है। वि०सं० २०२९ चैत्र वदि प्रतिप्रदा तदनुसार १ मार्च १९७२ को राजस्थान के पाली जिलान्तर्गत सांडेराव ग्राम में उपाध्याय श्री पुष्करमुनिजी के कर-कमलों से आप दीक्षित हुए। मुनि श्री दिनेशमुनिजी - आपका जन्म राजस्थान के उदयपुर जिले के देवास ग्राम में वि० सं० २०१७ ज्येष्ठ कृष्णा द्वादशी तदनुसार दिनाङ्क २२ मई १९६० को हुआ। आपके पिता का नाम श्री रतनलाल मोदी व माता का नाम श्रीमती प्यारीबाई था। वि०सं० २०३० कार्तिक शुक्ला त्रयोदशी (दिनाङ्क ९ नवम्बर १९७३) को उपाध्याय For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org Jain Education International
SR No.001740
Book TitleSthanakvasi Jain Parampara ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain, Vijay Kumar
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2003
Total Pages616
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & religion
File Size10 MB
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