________________
१५७.
लोकागच्छ और उसकी परम्परा रहे। आपके विषय में भी कोई ऐतिहासिक तिथि उपलब्ध नहीं होती है। श्री वस्तुपालजी
आपका जन्म नागौर निवासी श्री महाराजजी, जो जाति से ओसवाल और कड़वाणीय गोत्रीय थे, के यहाँ हआ। आपकी माता का नाम श्रीमती हर्षा देवी था। आचार्य श्री वयरागरजी के सानिध्य में आप दीक्षित हुए। वयरागरजी के स्वर्गवास के पश्चात् आप गच्छ के आचार्य हुए। सात वर्ष तक आपने गच्छाचार्य पद को प्रतिष्ठित किया। २७ दिनों के संथारापूर्वक मेड़तानगर में आप स्वर्गस्थ हुए। श्री कल्याणदासजी
आपका जन्म राजस्थान के राजलदेसर निवासी श्री शिवदासजी सुराना के यहाँ हुआ। आपकी माता का नाम श्रीमती कुशलादेवी था। आप जाति से ओसवाल थे। आचार्य श्री वस्तुपालजी के सानिध्य में बीकानेर में आप दीक्षित हुए। आगमों का गहन अध्ययन किया। गुरुदेव श्री वस्तुपालजी के स्वर्गगमन के पश्चात् आप गच्छ के आचार्य बने। २४ वर्ष तक गच्छाचार्य पद को सुशोभित करने के पश्चात् आठ दिनों के संथारापूर्वक लाहौर (पंजाब) के लवपुर गाँव में आपका स्वर्गगमन हुआ। ऐसी जनश्रुति है कि आपके १०० शिष्य थे। श्री भैरवदासजी
__ आपका जन्म राजस्थान के नागौर निवासी श्री तेजसीजी सुराना के यहाँ हुआ। आपकी माता का नाम श्रीमती लक्ष्मीबाई था। आचार्य श्री कल्याणदासजी स्वामी की निश्रा में आप दीक्षित हुए। आचार्य श्री कल्याणदासजी के स्वर्गगमन के पश्चात् आप आचार्य पद पर प्रतिष्ठित हुए। बारह वर्ष तक गच्छ के आचार्य रहे। दस दिन के संथारापूर्वक आपका स्वर्गगमन हुआ। आपके विषय में कोई ऐतिहासिक तिथि उपलब्ध नहीं होती है। श्री नेमीचन्द्रजी
आपका जन्म बीकानेर निवासी श्री रायचन्दजी सुराना के यहाँ हुआ। आपकी माता का नाम श्रीमती सजनादेवी था। आचार्य श्री भैरवदासजी से प्रतिबोध प्राप्त कर आपने आर्हती दीक्षा ग्रहण की । आचार्य श्री भैरवदासजी के स्वर्गगमन के पश्चात् आप गच्छ के आचार्य बने। सतरह वर्ष तक गच्छाचार्य पद पर रहने के उपरान्त सात दिन के संथारापूर्वक आपका स्वर्गवास हो गया। आपके जीवन के विषय में कोई ऐतिहासिक तिथि उपलब्ध नहीं होती है। श्री आसकरणजी.
आपका जन्म राजस्थान के मेड़तानगर में हुआ। आपके पिता का नाम श्री लब्धमलजी और माता का नाम श्रीमती ताराबाई था। आप जाति से ओसवाल और
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org