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हिन्दी अनुवाद-अ. २, पा.४
हल ईअ ॥ २३।।
(इस सूत्र में २.४.२२) से) भतार्थस्य पदकी अनुवृत्ति है। हलन्त (व्यंजनान्त) धातुके आगे आनेवाले भतार्थके यानी लुङ्, इत्यादिके प्रत्ययोंके स्थानपर ईअ ऐसा आदेश होता है। उदा.-भुवीअ, अभूत् , अभवत , बभूक वा। इसीतरह-आसीअ, आसिष्ट आस्त आसांचक्रे वा। गहीअ, अग्रहीत् अगृह्णात् जग्राह वा ।। २३ ।। अहेस्यासी तेनास्तेः ।। २४ ।।।
(सूत्रमेंसे) तेन यानी भतार्थके प्रत्ययोंके साथ, अस् धातुको अहेसि और आसि ऐसे आदेश होते हैं। उदा.-अहेसि सो तुम अहं वा। जे अहेसि, ये आसन् । इसीप्रकार-आति ।। २४ ।। भविष्यति हिरादिः ।। २५ ।।
___भविष्यदर्थमें कहे हुए प्रत्यय आगे होनेपर, उसके पूर्व हि ऐसा प्रयुक्त करें। उदा. होहिइ, भविष्यति भविता वा। होहिन्ति । होहिसि होहित्था। होहिम । हसिहिइ। काहिइ ।। २५ ।। हा र्सा मिमोमुमे वा ।। २६ ।।
(इस सूत्रमें २.४.२५ से) भविष्यति और आदिः पदोंकी अनुवृत्ति है। भविष्यत्यर्थमें, उत्तमपुरुषके आदेश आगे होनेपर, उनके पूर्व हा और
स विकल्पसे प्रयुक्त करें। [मि र् इत् होनेसे, सा का द्वित्व (=स्सा), होता है। विकल्पपक्षमें-हि भी (प्रयुक्त करें)। उदा.-होहामि होस्सामि। होहामो होस्सामो। होहामु होस्सामु । होहाम होस्साम। होहिमो होहिमु होहि मि होहिम। कचित् हा नहीं होता। उदा.-हसिहिमो हसिस्सामो। हसिहिमु हसिस्सामु। हसिहिम हसिस्साम ।। २६ ।। हिस्सा हित्था मुमोमस्य ।। २७ ।।
(इस सूत्रमें २.४.२६ से) वा पदकी अनुवृत्ति है। भविष्यकालमें मु, मो और म इनके स्थानपर हिस्सा और हित्या येधातुके आगे विकल्पसे
होहामो हो विकल्पपक्षमें हि भारत इत् होनेसे, सा का
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