________________ हिन्दी अनुवाद-अ. 2, पा. 1 नन्तर्ययोर्णवरणवरिअ' ऐसा एकही पत्र है, ऐसा कोई कहते हैं। उनके मतानुसार, दोनों (भी) अव्यय दो अर्थो में हैं // 46 // भन्द ग्रहणार्थे / / 47 / / ___ भन्द ऐसा (अव्यय) ग्रहण अर्थमें प्रयुक्त करें। उदा.-भन्द आलोएस में / गृहाण (ले) ऐसा अर्थ // 47 / / भन्दि विकल्पविषादसत्यनिश्चयपश्चात्तापेषु च / / 48 / / भन्दि ऐसा (अव्यय) विकल्प, इत्यादिमें, तथा ग्रहण अर्थमें प्रयुक्त करें। उदा.-विकल्पमें-भन्दि भोज्ज एत्ताहे, भवेदिदानीम् / विषादमेंभन्दि चरणे तओ संमाणिओ, चरणौ ततः संमानितौ। सत्यमें भन्दि तुह भणिमो। निश्चयमें-सासिज्जइ भन्दि तुह कज्जे / पश्चात्तापमें-भन्दि सहेहि धरणि / ग्रहण अर्थमें-मन्दि आलोएस मं // 48 / / संभाषणरतिकलहे रे अरे / / 49 / / ___ संभाषण और रतिकलह इनमें यथाक्रमसे रे और अरे ये (अव्यय) प्रयुक्त करें। उदा.-संभाषणमें-रे रे हिअअ मडअसरिसा। रतिकलहमेंअरे बहुवष्ठह मए समं मा करेसु उवहासं / / 49 / / हरे क्षेपे च / / 50 // क्षेप दिखाते समय, (और सूत्रमेंसे) चकारके कारण संभाषण और रविकलह इनमें, यथाक्रमसे हरे ऐसा (अव्यय) प्रयुक्त करें। उदा.-क्षेपमेंहरे जिल्लज्ज / संभाषणमें-हरे पुरिसा। रतिकलहमें-हरे बहुवल्लह // 50 // धू कुत्सायाम् / / 51 / / __ कुन्सामें धू ऐसा (अव्यय) प्रयुक्त करें। उदा.-५ जिल्लज्जो लोगो // 51 // Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org