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प्राकृत एवं संस्कृत साहित्य में गुणस्थान की अवधारणा..
परिशिष्ठ-२........{498)
जयन्तसेनसूरि अभिनन्दन ग्रन्थ
सम्पादक :- सुरेन्द्र लोढा प्रकाशक :- श्रीमद् जयन्तसेनसूरि अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशन समिति, अ. भा. श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद मुद्रण :
डपुजी आर्ट प्रिन्टर्स, थाणे (महाराष्ट्र) प्रथमावृत्ति :- वीर सं. २५१७, वि.सं. २०४८, ई.सन् १६६१ राजेन्द्र संवत् - ८५ जीवसमास
लेखक :- अज्ञात पूर्वधर, अनुवादिका :- सा. विद्युत्प्रभाश्री संपादन :- डॉ. सागरमल जैन, प्रकाशक :-पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी-५ मुद्रक :
वर्धमान मुद्रणालय भेलूपुर वाराणसी-५ प्रथम संस्करण- १६६८ जिनरत्नकोष
जैन ग्रन्थों और लेखकों की वर्णानुक्रम पंजी, हरि दामोदर वेलंकर एम.ए. द्वारा भाण्डारकर ओरियन्टल रिसर्च इन्स्टीट्युट, पूना जीवाभिगम सूत्र भाग-1-2
सम्पादन :- श्री राजेन्द्रसूरि प्रकाशन :
श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (राजस्थान) मुद्रक :
सतीशचन्द्र शुक्ल, वैदिक यंत्रालय केशरगंज, अजमेर - ३०५००१ प्रथम संस्करण : वीर.नि.सं. २५१७, वि.सं. २०४८ ई.सन् १९६१
प्रकाशन तिथि: प्रथम खण्ड वी.नि.सं. २५१५ वि.सं. २०४६, ई.सन् १९८६ जैनआगमसाहित्य एक अनशीलन लेखक :
आचार्य जयंतसेनसूरि प्रकाशन :
राज-राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट
श्री राजेन्द्रसूरि जैन ज्ञान मंदिर, रतनपोल, हाथीखाना, श्री राजेन्द्रसूरि चौक, अहमदाबाद अवतरण: वीर.सं. २५२०/वि.स. २०५१ श्री राजेन्द्रसूरि सं. ८८ मुद्रक :
रोहित ऑफसेट, उज्जैन, म.प्र. संयोजन :- आई.एम. ग्राफिक्स, इन्दौर, म.प्र. जैनधर्म का यापनीय सम्प्रदाय
लेखक :- डॉ सागरमल जैन प्रकाशन :- पार्श्वनाथ विद्यापीठ, आई.टी.आई. रोड़, करौंदी, पो.बी.एस.यू. वाराणसी-२२१००५ मुद्रक :- वर्धमान मुद्रणालय वाराणसी-१०
प्रथम संस्करण : ईसन् १९६६ जैन बौद्ध और गीता के आचार दर्शनों का तुलनात्मक अध्ययन भाग-1-2
लेखक :- डॉ. सागरमल जैन प्रकाशक :- राजस्थान प्राकृत भारती संस्थान जयुपर (राजस्थान) प्रकाशन वर्ष :- सन् १९८२ वीर.नि.सं. २५०६
मुद्रक :- बाबूलाल जैन फागुल्ल, महावीर प्रेस, भेलूपुर वाराणसी-५ जैनेन्द्रसिद्धान्तकोष भाग-2
लेखक :- क्षु. जिनेन्द्रवर्णी सम्पादक :- डॉ. हीरालाल जैन अनुवादक:- डॉ. आ. ने. उपाध्ये प्रकाशन :- भारतीय ज्ञानपीठ, ३६२०/२१ नेताजी सुभाष मार्ग दिल्ली मुद्रक :
सन्मति मुद्रणालय, दुर्गाकुण्ड मार्ग, वाराणसी-५ प्रथम संस्करण - सन् १६७१
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