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________________ प्राकृत एवं संस्कृत साहित्य में गुणस्थान की अवधारणा........ जैनसंस्कृतसाहित्यनो इतिहास भाग-2 लेखक : हीरालाल रसिकलाल कापड़िया प्रकाशक : पन्नालाल लालचंद नंदलाल शाह श्री मुक्ति कमल जैन मोहनमाला, मंछासदन, कोठीपोस, रायपुरा, बड़ोदरा बसंतलाल रामलाल शाह प्रगति मुद्रणालय, खपाटिया चकला, सूरत तथा जशवंतसिंह गुलाबसिंह ठाकोर सूरतसिटी प्रिंटिंग प्रेस, मोटा मंदिर सामे, सूरत- १ वि.सं. २०२५ वीर.नि.सं. २४६५ सन् १६६८ मुद्रक : जैनसाहित्यका बृहद इतिहास भाग-4 लेखक : सम्पादक : प्रकाशक :प्रकाशन वर्ष : लेखिका : प्रकाशक मुद्रक :जैनदर्शन में जीवतत्व मुद्रण : प्रथम संस्करण : तत्त्वार्थाधिगमसूत्र लेखक : प्रकाशक : डॉ. मोहनलाल मेहता, प्रो. हीरालाल र. कापड़िया पं. दलसुख मालवणिया टीकाकार : प्रकाशन : संपादक :पंचम संस्करण: पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान वाराणसी-१ द्वितीय संस्करण सन् १९६१ वर्धमान मुद्रणालय, जवाहर नगर कॉलोनी, वाराणसी- १० तत्त्वार्थाधिगमसूत्र भाग - 2 लेखक : प्रकाशक : टीकाकार : प्रकाशन : संपादक : संस्करण: मुद्रक : जैन सा. डॉ. ज्ञानप्रभा श्री रत्नजैन पुस्तकालय श्री तिलोकरत्न धार्मिक परीक्षा बोर्ड, आ. आनन्दऋषिजी मार्ग, बुरूड़ गांव रोड़, पो. अहमदनगर- ४१४००१ हिन्दी प्रचार प्रेस ऑफसेट डिवीजन, श्री रत्न जैन ग्रन्थालय, अहमदनगर हेलु वि.स. २०५१] मार्गशीर्ष ई.सन् १६६४ दिसम्बर तत्त्वार्थसूत्र राजवार्तिक टीका भाग- 1-2 भट्ट अकंलकदेव Jain Education International उमास्वाति महाराज वकील चिमनलाल अमृतलाल, श्रीमद् यशोविजयजी जैन संस्कृत पाठशाला, श्री जैन श्रेयस्कर मंडल महेसाणा सन् १९७६ संवत् २०३६ द्वितीया वृत्ति उमास्वाति, प्रभुदास बेचरदास पारेख कृत सूत्रार्थ अने सारबोधिनी सहित श्री जैन श्रेयस्कर मंडल महेसाणा तत्त्वार्थसूत्र श्लोकवार्तिक लेखक : संपादक :अनुवादक : भारतीय ज्ञानपीठ दिल्ली प्रो. महेन्द्रकुमार न्यायाचार्य सन् १६६६ तत्त्वार्थसूत्र सर्वार्थसिद्धि टीका श्रीमद् विद्यानंद स्वामी पं. मनोहरलाल न्यायशास्त्री निर्णय सागराव्य मुद्रण यंत्रालय, भ्रा. शुक्ला ७ वी.नि.सं. २४४४ वि. स. १६७५ सन् १६१८ परिशिष्ठ- २........(499} श्री मदाचार्य पूज्यपाद विरचिता भारतीय ज्ञानपीठ १६, इन्स्ट्रीट्यूशनल एरिया, लोदी रोड, नयी दिल्ली- ११०००३ पं. फूलचंद्र शास्त्री सातवाँ सन् १६६७ विकास ऑफसेट, नवीन शाहदरा दिल्ली- ११००३२ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001733
Book TitlePrakrit evam Sanskrit Sahitya me Gunsthan ki Avadharana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarshankalashreeji
PublisherRajrajendra Prakashan Trust Mohankheda MP
Publication Year2007
Total Pages566
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, Soul, & Spiritual
File Size20 MB
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