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प्राकृत एवं संस्कृत साहित्य में गुणस्थान की अवधारणा......
पंचम अध्याय........{356}
क्रमांक
जो न घट सके उसके बाद
हेतु संख्या
बन्ध
कुल बन्ध हेतु विकल्प
योग
Ilse
युगल
कायवध
भय
अविरति
जुगुप्सा
कुलभंग /विकल्प
तीन कायवध
| १३x| ३ =| ३६-४=३५xxx| २x२०xx
- -
|२८०००
२
दो
कायवध
१३x| ३% ३६-४३५x
२१०००
"
३
|
२
| २
दो कायवध तथा जुगुप्सा
| ३= ३६-४३५४४x]
५x-
x=|२१०००
| १३x| ३ =| ३६-४=३५x | ४x| २x६x|
१ |x=| ८४००
एक कायवध तथा जुगुप्सा
कुल भंग' |७८४००
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