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प्राकृत एवं संस्कृत साहित्य में गुणस्थान की अवधारणा....
पंचम अध्याय........{354}
मिश्र गुणस्थान में बन्धहेतुओं के भंग/विकल्प
क्रमांक
बन्ध हेतु संख्या
कुल बन्ध
अविरति
हेतु विकल्प
कायवध
भय
कषाय
कुलभंग
युगल
योग
जुगुप्सा
/विकल्प
छः कायवध तथा
१५ |
भय
३४ | १०x | १- |
१२००
छः कायवध तथा | १५ | १
जुगुप्सा
३४ | १०x | - |
| १२००
पांच कायवध तथा जुगुप्सा
|
२४ | ३x | १० | १x१
७२००
कुल भंग
६००
१६ |
छः कायवध भय तथा जुगुप्सा
|
४ | १४
| ४x |
२४ | ३x | १०x
x
१
| १२००
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