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प्राकृत एवं संस्कृत साहित्य में गुणस्थान की अवधारणा........
माक
9
ध हेतु संख्या
तीन कायवध
२ दो कायवध तथा
भय
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४ एक कायवध भय तथा जुगुप्सा
मिश्र गुणस्थान में बन्धहेतु भंग / विकल्प
१
३ ३
79998
५x
४X २०x
३ दो कायवध तथा १ जुगुप्सा
99
99
99
9
५x १५४ ४X
२ ३
५x
२ ३
9
५x
92x
9
६x
२
४X
३
४X
२
२x
२
२x
9
२x
२
RX
梽
9
३x
१
३x
१
३X
9
३x
For Private & Personal Use Only
9
१०X
9
१०X
90X
9
१०X
4
1
9
9
9
1
9
१
पंचम अध्याय ...... (350)
·
.
6
१
१
कुल भंग
कुलभंग /विकल्प
२४०००
१८०००
१८०००
७२००
६७२००
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