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प्राकृत एवं संस्कृत साहित्य में गुणस्थान की अवधारणा.....
पंचम अध्याय........{349)
मिश्र गुणस्थान में बन्धहेतु भंग/विकल्प
क्रमांक
बन्ध हेतु
अविरति
कायवध
कषाय
युगल
योग
भय
जुगुप्सा
कुलभंग विकल्प
१
एक कायवध सहित ६ बन्धहेतु
१ | १०
x
७२००
मिश्र गुणस्थान में बन्धहेतु भंग/विकल्प
बन्ध हेतु संख्या
क्रमांक
कुल बन्ध हेतु विकल्प
अविरति
कायवध
कषाय
युगल
भय
योग
जुगुप्सा
कुलभंग /विकल्प
दो कायवध
१५४ ४x
२४
|
३
| १०
|
-
१८०००
एक कायवध
| १० | १
x | ६x| ४x | २४ |
७२००
तथा भय
एक कायवध तथा जुगुप्सा
१०
११
३ | | २४ |
२ | १ ३x | १०
१ | १
x | ६x] ४x
७२००
३२४००
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