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________________ समत्वयोग की वैयक्तिक एवं सामाजिक साधना २६३ जिसके द्वारा मन को भावित या संस्कारित किया जाय, वह भावना है। पार्श्वनाथ चारित्र में इसे परिभाषित करते हुए कहा गया है कि जिन चेष्टाओं के द्वारा मानसिक विचारों या भावनाओं को भावित या वासित किया जाता है; उन्हें भावना कहते हैं। यथार्थ तत्त्वों का सूक्ष्मातिसूक्ष्म चिन्तन अनुप्रेक्षा है। तत्त्वार्थसूत्र में भी बारह अनुप्रेक्षाओं का निर्देश मिलता है। सूत्रकृतांग में कहा गया है कि भावना के वेग से आत्मा इस संसार सागर से पार हो जाती है और सर्वदुःखों का अन्त हो जाता है। बारह भावनाओं के चिन्तन करने से क्या लाभ होता है इसका निर्देश करते हुए शुभचन्द्राचार्य लिखते हैं कि इन बारह भावनाओं के अभ्यास से जीवों की कषायरूपी अग्नि शान्त होती है, राग गलता है, अन्धकार विलीन होता है और हृदय में ज्ञान रूपी दीपक विकसित हो जाता है। जिस प्रकार हवा लगने से अग्नि प्रज्वलित हो जाती है, उसी प्रकार इन बारह भावनाओं के चिन्तन से समतारूपी सूख जाग्रत हो जाता है और उस शाश्वत् सुख से जीव मुक्ति प्राप्त कर लेता है। ___ जैनदर्शन में समत्वयोग की साधना के लिये निम्न बारह भावनाओं का चिन्तन साधक के लिये आवश्यक माना गया है : १. अनित्य; २. अशरण; ३. संसार; ४. एकत्व; ५. अन्यत्व; ६. अशुचि; ७. आसव; ८. संवर; ६. निर्जरा; १०. लोक; ११. धर्म; और १२. बोधिदुर्लभ। आगे हम इन पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इनमें छः भावनाएँ मुख्य रूप से वैराग्योत्पादक हैं और छः भावनाएँ तत्त्वपरक हैं। इन बारह भावनाओं के नामों का अर्थ इस प्रकार है : ७४ पारसणाहचरियं पृष्ठ ४६० । ७५ भावनायोग पृष्ठ ३१ ।। 'अनित्याशरण संसारैकत्वान्यत्वाशुचित्वानवसंवर निर्जरा लोक बोधिदुर्लभ धर्मस्वाख्यातत्वानुचिन्तनमनुप्रेक्षाः ।। ७ ।।' -तत्त्वार्थसूत्र ७ । ७७ सूत्रकृतांग १/१५/५ । 'विध्याति कषायाग्निर्विगलितरागो विलीयते ध्वान्तम् । उन्मिषति बोधदीपो हृदि पुंसां भावनाभ्यासात् ।। २ ।।' । -ज्ञानार्णव (द्वादशभावना अधोपसंहार) सर्ग २ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001732
Book TitleJain Darshan me Samatvayog
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyvandanashreeji
PublisherPrem Sulochan Prakashan Peddtumbalam AP
Publication Year2007
Total Pages434
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, Yoga, & Principle
File Size7 MB
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