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________________ विषय-सूची बहुलताका उदाहरण १७७, आधारकी अधिकता और आधेयकी अल्पतारूप अधिक अलंकार १७८, विभावना अलंकारका स्वरूप १७८, विशेषोक्ति अलंकारका स्वरूप १७९, विभावना अलंकारका उदाहरण १७९, विशेषोक्ति अलंकारका उदाहरण १७९, असंगति अलंकारका लक्षण १७९, असंगति अलंकारका उदाहरण १८०, विचित्रालंकारका लक्षण १८०, विचित्रालंकारका उदाहरण १८०, अन्योन्यालंकारका लक्षण १८१, अन्योन्यालंकारका उदाहरण १८१, विरोधमूलक विषमालंकारका लक्षण १८१, विषमालंकारका उदाहरण १८२, तृतीय विषमालंकारका उदाहरण १८२, सम अलंकारका स्वरूप और उदाहरण १८२, तुल्ययोगिता अलंकारका स्वरूप १८३, तुल्ययोगिताका उदाहरण १८३, अप्रस्तुतोंके सम्बन्धमें तुल्ययोगिताका उदाहरण १८३, अन्य उदाहरण १८४, अन्य द्वारा कथित प्रकारान्तरसे तुल्ययोगिताका उदाहरण और लक्षण १८३, दीपक अलंकारका स्वरूप और भेद १८४, आदि दीपकका उदाहरण १८५, मध्यदीपकका उदाहरण १८५, अन्त्यदीपकका उदाहरण १८५, प्रतिवंस्तूपमाका स्वरूप १८६, अन्वय प्रतिवस्तूपमाका उदाहरण १८६, व्यतिरेक प्रतिवस्तूपमाका उदाहरण १८७, अन्य उदाहरण १८७, दृष्टान्तालंकारका स्वरूप और भेद १८७, उदाहरण १८८, निदर्शनालंकारका स्वरूप और भेद १८९, उदाहरण १८९, व्यतिरेकालंकारका स्वरूप और भेद १९०, व्यतिरेक अलंकारका उदाहरण १९०, अन्य उदाहरण १९१, प्रथम श्लेषका उदाहरण १९१, द्वितीयश्लेषका उदाहरण १९१, परिकर अलंकार का स्वरूप और उदाहरण १९२, परिकरांकुर अलंकारका स्वरूप और उदाहरण १९२, आक्षेपालंकारका स्वरूप १९२, आक्षेपालंकारके भेद १९२, प्रथमाक्षेपालंकारका उदाहरण १९३, द्वितीयाक्षेपालंकार १९३, तृतीयाक्षेपालंकारका उदाहरण १९३, चतुर्थाक्षेपालंकारका उदाहरण १९४, अन्य उदाहरण १९४, अन्याचार्य द्वारा प्रणीत आक्षेपका लक्षण १९५, उदाहरण १९५, व्याजस्तुति अलंकारका लक्षण और भेद १९५, प्रथम व्याजस्तुतिका उदाहरण १९६, द्वितीय व्याजस्तुतिका उदाहरण १९६, अप्रस्तुत प्रशंसाका स्वरूप १९६, अप्रस्तुत प्रशंसाका उदाहरण १९७, पर्यायोक्ति अलंकारका स्वरूप १९८, प्रतीप अलंकारका स्वरूप और उसके भेद १९९, प्रथम प्रतीपका उदाहरण १९९, द्वितीय प्रतीपका उदाहरण १९९, काव्यालिंग अलंकारका स्वरूप २००, अनुमानालंकारका उदाहरण २००, काव्यलिंगका उदाहरण २००, अर्थान्तरन्यासका स्वरूप २०१, सामान्यसे विशेषका समर्थनरूप अर्थान्तरन्यासका उदाहरण २०१, विशेष द्वारा सामान्य समर्थनरूप अर्थान्तरन्यासका उदाहरण २०१, विशेषसे विशेषका कथनरूप अर्थान्तरन्यासका उदाहरण २०२, कार्यकारणभाव अर्थान्तरन्यासका उदाहरण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001726
Book TitleAlankar Chintamani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAjitsen Mahakavi, Nemichandra Siddhant Chakravarti
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1944
Total Pages486
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Kavya
File Size25 MB
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