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________________ पञ्चमः परिच्छेदः पिकेन्दुमैन्दवाताद्यास्तटस्थाः कथिता यथा । चक्रया श्लेषधियं कर्तुं विस्रस्तकुचवाससि । वध्वां पारावतस्तावच्चुकूज मणितध्वनीः ॥ १३॥ रसोऽनुभूयते भावेर्यैरुत्पन्नोऽनुभावकैः । तेऽनुभावा निगद्यन्ते कटाक्षादिस्तनुद्भवः || १४॥ उदाहरणम् श्रीमद्भिः सत्कटाक्षैर्मनसिजतरले ह्रीं ज डेर्दन्तकान्तिश्रीमन्मन्दप्रहास द्विगुणधवलिमश्रीभिरङ्गेषु लग्नैः । श्रीवध्वा तत्सुसंग व्यपगमनभिया रज्जुभी राजतीभिबद्धो वासी रराजे शयनतलगतः सार्वभौमः सुसौम्यः ॥ १५ ॥ सत्त्वं हि चेतसो वृत्तिस्तत्र जातास्तु सात्त्विकाः । स्युस्ते च स्पर्शनालापनितम्बस्फालनादिषु ||१६|| रोमहर्षणवैस्वयं स्वेदस्तम्भालयोऽश्रु च । कम्पो वैवर्ण्यमित्यष्टौ सात्त्विकाः परिभाषिताः || १७ || -१७ 1 कोयल, चन्द्र, मन्द वायु इत्यादि तटस्थ कहे गये हैं । यथा - चक्रवर्ती भरत आलिंगन विषयक बुद्धि उत्पन्न करने हेतु नायिकाके वक्षस्थलका वस्त्र हटा ही रहा था कि पारावत मधुर ध्वनिसे कूज उठा ॥ १३ ॥ २२९ अनुभावका स्वरूप उत्पन्न रस जिन अनुभव कराने वाले भावोंसे अनुभूत होता है उन कटाक्ष इत्यादि शरीर में उत्पन्न होने वाले भावों को अनुभाव कहा जाता है ॥ १४ ॥ यथा— सुन्दर, कामसे चंचल, लज्जासे जड़, मन्द मन्द हास द्वारा दांतोंकी कान्तिकी दुगुनी धवलिमासे सुशोभित, अंगोंमें लगे हुए सुन्दर चाँदीकी डोरी के समान कटाक्षोंसे उसके संगमके दूर होनेकी आशंका से सुन्दर वधू द्वारा बाँधे गयेके समान बिछौना पर स्थित सौम्य वह सार्वभौम सुशोभित हुआ ।। १५ ।। सच और सरिकका स्वरूप चित्त की वृत्तिको सत्त्व कहते हैं । उसमें होने वाले भावोंको सात्त्विक कहते हैं । साविक भाव नायक-नायिकाके परस्पर सर्श, वार्तालाप, नितम्बस्फालन इत्यादिमें होते हैं ||१६|| सात्विक भावके भेद - रोमांच ( रोमहर्षण ), वैस्वर्य, स्वेद, स्तम्भ ( जड़ता ), लय, अश्रु, कम्प और वैवर्ण्य ये आठ सात्त्विक भाव कहे गये हैं ॥१७॥ १. मन्दवत्याद्याः - ख । २. ध्वनिः - ख, 'ध्वनीन्' होना चाहिए। ३. व्यपगतमनभिया - ख । ४. वासा - ख । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001726
Book TitleAlankar Chintamani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAjitsen Mahakavi, Nemichandra Siddhant Chakravarti
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1944
Total Pages486
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Kavya
File Size25 MB
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