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शिल्प शास्त्रानुसारो शेषस्थिति चक्र
सूर्य राशि
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मध्य
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विवाहे | देवालये । गृहारंभे | जलाशये । ईशाने | आग्नेये | नैऋत्ये | वायव्ये २।३।४ | १२।१२ | ५।६७ |१०।११।१२ मुख। | मध्य | पुच्छ । खात ५.६७ । ३।४५ 1 ८1९।१०। ३ खात मुख । मध्य ८९।१० ६७८ ११।१२।१ | ४।५।६ पुच्छ खात
मुख | १११२।१ / ९।१०।११। २।३।४ । ७८.९ । मध्य | पुच्छ । खात
अर्वाचीन ज्योतिषग्रन्थानुसारी शेषस्थिति चक्रविवाहे | देवालये । गृहारंभे जलाशये । ईशाने | आग्नेये | नेत्ये | वायव्ये २।३।४
| १२।१२२ । ५।६७ |१०।११।१२ । मुख खात | पुच्छ मध्य ५.६७ | ३४५ | ८९।१०।१२।३ खात
मध्य मुख ८।९।१० ६७८ | ११।१२।१ । ४।५।६ पुछ | मध्य मुख । खात ११।१२।१ । ९।१०।११ | २।३।४ । ७८९ मध्य | मुख । खात । पुच्छ
' [कल्याण-कलिका-प्रथमसाले
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सूर्य राशि
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