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________________ विषयानुक्रम [ सन्धि एवं कडवकोंके अनुक्रमसे ] २- सन्धि १ कडवक सं. मूल/हिन्दी अनु. १. मंगल स्तुति. २. ग्रन्थ प्रणयन प्रतिज्ञा. ३. ग्रन्थरचना प्रारम्भ. पूर्व-देशको समृद्धिका वर्णन. ४. सितछत्रा नगरका वर्णन. सितछत्राके राजा नन्दिवर्धन एवं परानी वीरमतीका वर्णन. रानी वीरवतीका वर्णन. उसे पुत्र-प्राप्ति. राजकुमार नन्दनका जन्मोत्सव. एक नैमित्तिक द्वारा उसके असाधारण भविष्यको घोषणा. ८- ९ ८. राजकुमार नन्दनका वन-क्रीड़ा हेतु गमन. नन्दन-वनका सौन्दर्य-वर्णन. राजकुमार नन्दनकी मुनि श्रुतसागरसे भेंट. १०-११ १०. राजकुमार नन्दनकी युवराज-पदपर नियुक्ति. १२-१३ ११. युवराज नन्दनका प्रियंकराके साथ पाणिग्रहण. १२-१३ १२. युवराज नन्दनका राज्याभिषेक. १४-१५ १३. राजा नन्दिवर्धन द्वारा आकाशमें मेघकूटको विलीन होते देखना. १४-१५ १४. राजा नन्दिवर्धनकी अनित्यानुप्रेक्षा. १६- १७ १५. राजा नन्दिवर्धनका जिनदीक्षा लेनेका निश्चय तथा पुत्रको उपदेश. १६-१७ नन्दन भी पिता-नन्दिवर्धनके साथ तपस्या-हेतु वनमें जाना चाहता है. १८- १९ १७. नन्दिवर्धन द्वारा मुनिराज पिहिताश्रवसे दीक्षा. १८- १९ प्रथम सन्धिको समाप्ति. २०- २१ आश्रयदाताके लिए भाशीर्वाद. २०- २१ १०- ११ सन्धि २ १. राजा नन्दन पितृ-वियोगमें किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाता है. २. राजा नन्दनको 'नृपश्री' का विस्तार. राजा नन्दनको नन्द नामक पुत्रकी प्राप्ति : वसन्त ऋतुका आगमन. ४. वनपाल द्वारा राजाको वनमें मुनि प्रोष्ठिलके आगमनकी सूचना. ५. राजा नन्दनका सदल-बल मुनिके दर्शनार्थ प्रयाण. ६. राजा नन्दन मुनिराज प्रोष्ठिलसे अपनी भवावलि पूछता है. سم २२- २३ २२- २३ २४- २५ २४- २५ २६- २७ २६- २७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001718
Book TitleVaddhmanchariu
Original Sutra AuthorVibuha Sirihar
AuthorRajaram Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1975
Total Pages462
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, Literature, & Religion
File Size9 MB
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