SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 427
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३२४ णिस्सेस - नि:शेष (समस्त ) णिस्संकिय - निःशंकित १०।१५।१० णिसग्गउ - नैसर्गिक सिढ - निषध (पर्वत) णिसण्ण- निषण्ण (बैठे हुए) णिसण्णु - निषण्ण ( विराजमान ) ३|१|१२ १९१ णिसियरु - निशिचर, निशाकर ( चन्द्रमा) १०|३४|१ २।३।५ १०।१४।१० णिसी - निशीश ( चन्द्रमा) णिसुढ - निषध (पर्वत) णणण - निहनन ( विध्वंस) हिणिय - निहनित (घातक) हिय-निहत हियतम - निहततम ( अन्धकारका नाश णिहियंगु-निहितांग णिहिल - निखिल णीय-नीति (मार्ग) s - Vis सप्पु सर्प (निधि) हें जडिउ - स्नेह जटित गंग्गोह-न्यग्रोध ( संस्थान ) णंतेउर-अन्तःपुर द- नन्दन (आनन्ददायक ) दण - अभिनन्दननाथ (तीर्थंकर) द- नन्दन (राजा) ११७१४, ११५१९, २२६ ३, ८११७, ८।१२।११, ८|१३|१ णंदणतरु-नन्दन वृक्ष ३।१।९ दण-वण- नन्दनवन ११७१२, २२६२, २११७ दिणि- नन्दिनी (गो) ३११७/३ १।५।१, १।१३।६ To see attentively ) १९१२ मंदिवद्धणु - नन्दिवर्धन (राजा) नंदीसरु - नन्दीश्वर (द्वीप) २८२ १०/९/६ ८।३।२ दु-नन्द ( राजा नन्दनका पुत्र ) २।३।३ १०1३1८ [त] १।१३।६ १।१।१३ तइयर्ह - त्रयोदशी (तेरस) १।१।१३ तइवि - तथापि ( तो भी) ४।५।१४ तउ-तप ३।२२५ तउव- राँगा, शीशा, धातु विशेष ५/२०१४, तक्कर-तस्कर ५।२१।३ तक्काल- तत्काल, शीघ्र तक्खण - तत्क्षण (शीघ्र ) तच्च तत्त्व हाणु-ध हिलिउ - /निमालय् – (निहारना, अवलोकन णीरय- नीरज (कर्मरज रहित ) णीरय- नीरज ( कमल) नीलकंठ - नीलकण्ठ ( नामक योद्धा) णीलमणि - नीलकान्तमणि लहु-नीरथ ( विद्याधर ) माणचरिउ १।१४३ ७१४२ ४।२।२ उरा-नूपुर उरु-नूपुर मि- नेमिनाथ Jain Education International १।७।७ २११९ ॥१८ १।१३।११ करनेवाला) २।११।६ ३।२।१ णीलसेल -- नीलशैल (पर्वत) णीलि-नील (पर्वत) णीलुप्पल-नीलोत्पल (नीलकमल ) णीजण - नीलांजना ( ज्वलनजटीकी रानी ) ४|४|१४ २/५/५ णीसरिय - निःसृत (निकलकर ) णीससइ - नि: + श्वसिति ( निश्वास ) णीसेसावणिवलए - निःशेष अवनिवलय ४।१९।१० ९।९।४ ९।४।९ २१८१९ १।१।१३ १०।१५।९ १०।१४।१० ३|३|८ मिचंद - नेमिचन्द्र (आश्रयदाता ) १।२१४, १1३1३, १।१७१५, २।२२।१४, ३।३१।१४, ४२४१६, ५ २३ २०, ६।१९।१५, ७।१७।१४, ८।१५।१५, ९।२३।१३, १० १४० ११८, १०।४१।३ ८/५/६ ५।१।१६ १०।११।१२ ३।२०१९ १।१४ १|१|४ ९।९१८ १।११।१ २।१७।९ १०।७१४ For Private & Personal Use Only ३|१|१३ २।५।१९ १।१७।१३ २।१६।१ १|१०|४ ८१९१७ तच्चु-तत्त्व तडि - तडित (बिजली) तडिणि- तटिनी (नदी) तडिलया - तडिल्लता, विद्युल्लता तण्हा - तृष्णा ४।२३।१३ १।६।४ १।१४६, १११५१४, ८२।१२ तणय - पुत्र ११७३, ११७/७ तणु-शरीर २ ९ ४, १०।५।३ तणुरुहू - तनुरुह (पुत्र) १।६।११, २।१९।९, ४।२१।७ तत्थत्थि - तत्रास्ति ( वहाँ है) १३६ www.jainelibrary.org
SR No.001718
Book TitleVaddhmanchariu
Original Sutra AuthorVibuha Sirihar
AuthorRajaram Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1975
Total Pages462
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, Literature, & Religion
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy