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________________ ५० ७. ८. P. २. ३. ४. ५. ६. ७. ८. प्राणातिपात के २४३ भेद परिणाम के १०८ भेद द्वार का नाम मुनि के २७ गुण अठारह हजार शीलांगरथ चरणसित्तरी करणसित्तरी महाव्रतों की संख्या क्षेत्रों में सामायिकादि चारित्रों की संख्या निर्मन्थ श्रमण-पंचक संसारचक्र में निर्गन्ध की प्राप्ति ९. १०. पाँच व्यवहार ११. जंघाचारण- विद्याचारण की गमनशक्ति १२. आचार्य के ३६ गुण १३. निर्गन्थ का चार गति में गमन पुरुष १४. दीक्षा के अयोग्य अठारह प्रकार के १५. दीक्षा के अयोग्य बीस प्रकार की स्त्रियाँ १६. दीक्षा के अयोग्य दश प्रकार के नपुंसक १७. दीक्षा के अयोग्य विकलांग १८. स्थविर - कल्पी मुनियों के उपकरणों की संख्या १९. साध्वियों के उपकरणों की संख्या २०. कितने मूल्य का वस्त्र कल्प्य है ? २९. वस्तु महण विधान २२. पाँच यथाजात २३. दंड पंचक २४. तृण पंचक २५. चर्म पंचक २६. दूष्य पंचक २७. अवग्रह पंचक २८. उपधि प्रक्षालन काल २९. भिक्षाचर्या की विधि (भिक्षा मार्ग) Jain Education International १६६ १६७ ४. साधु- धर्म - विभाग द्वार संख्या ९. १०२ १२६ ६८ ६४ ११४ १०७ १०८ १०९ ११० १०. ६१ ६२ १११ १२५ १२७ ८१ ८२ ८३ ८४ ८५ १३१ ९७ गृहस्थ प्रतिक्रमण के १२४ अतिचार श्रावक के २१ गुण द्वार का नाम २३८ ३० शय्यातरपिंड कल्प्य १२३ ३१. पानी और भोजन की सात एषणा ६६ ३२. ग्रासैषणा पंचक ६७ ३३. भोजन के भाग ७४ ३४. क्षेत्रातीत अकल्प्य ७६ ३५. मार्गातीत अकल्प्य ९३ ३६. कालातीत अकल्प्य ९४ ३७. प्रमाणातीत अकल्प्य ३८. स्थंडिलभूमि का स्वरूप ३९. पारिष्ठापनिका और उच्चारकरण दिशा ४०. साधुओं के विहार का स्वरूप अप्रतिबद्ध विहार ४१. ४२. ४३. ४४. ४५. ४६. ४०. दुःखशय्या ४८. सुखशय्या द्वारों का अनुक्रम वसति की शुद्धि वृषभ साधुओं द्वारा वसति ग्रहण स्थितकल्प अस्थित कल्प जात-अजात कल्प ४९. गुरु शुश्रूषा काल ५०. ओघ पद विभाग ५१. समाचारी ५२. मांडली के सात भेद ५३. दश प्रायश्चित्त ५४. चक्रवाल समाचारी ५५. भाषा के चार भेद ५६. वचन के सोलह भेद ५७. अप्रशस्त भाषा के छः भेद ५८. संलेखना ५९. जिन कल्पियों के उपकरण की संख्या For Private & Personal Use Only ६ २३९ द्वार संख्या ११२ ९६ ९५ १३२ ११५ ११६ ११७ ११८ ९१ १०६ १०३ १०४ १३३ १३५ ७७ ७८ १०५ ११९ १२० १३० ९९ १०० ८९ ९८ १०१ १३९ १४० २३५ १३४ ६० www.jainelibrary.org
SR No.001716
Book TitlePravachana Saroddhar Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemprabhashreeji
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1999
Total Pages504
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size8 MB
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