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________________ प्रवचन-सारोद्धार १८९ » 0 3 २०. मुनिसुव्रत नमिनाथ छ: लाख वर्ष २१. नमिनाथ नेमिनाथ पाँच लाख वर्ष नेमिनाथ पार्श्वनाथ ८३७५० वर्ष २३. पार्श्वनाथ महावीर स्वामी २५० वर्ष तीसरे आरे के ८९ पक्ष शेष रहने पर ऋषभदेव भगवान तथा चौथे आरे के ८९ पक्ष शेष रहने पर भगवान महावीर का निर्वाण हुआ। दोनों के निर्वाण का अन्तरकाल ४२००० वर्ष न्यून एक कोड़ाकोड़ी सागरोपम है । यही चौथे आरे का कालमान है । इसमें पांचवें व छठे आरे के २१०००-२१००० (हजार) वर्ष मिलाने पर ऋषभदेव के निर्वाण से एक कोड़ाकोड़ी सागरोपम पूर्ण होता है ।। ३९३-४०५ ।। किस तीर्थंकर के काल में अथवा अन्तराल में कौनसा चक्रवर्ती या वासुदेव हुआ तथा उनका शरीर प्रमाण व आयु प्रमाण क्या है ? यह निम्न सारणी में बताया जाता है। चक्रवर्ती वासुदेव शरीरमान आयु प्रमाण ५०० धनुष ८४ लाख पूर्व ४५० धनुष ७२ लाख पूर्व ४०० धनुष ६० लाख पूर्व ३५० धनुष ५० लाख पूर्व ३०० धनुष ४० लाख पूर्व २५० धनुष ३० लाख पूर्व २०० धनुष १५० धनुष १० लाख पूर्व १०० धनुष २ लाख पूर्व ९० धनुष १ लाख पूर्व ८.० धनुष ८४ लाख वर्ष ७० धनुष ७२ लाख वर्ष ६० धनष ६० लाख वर्ष ५० धनुष ३० लाख वर्ष ४५ धनुष १० लाख वर्ष ४२ १ धनुष ५ लाख वर्ष ४१ : धनुष ३ लाख वर्ष ४० धनुष १ लाख वर्ष ३५ धनुष ९५००० वर्ष ३० धनुष ८४००० वर्ष २० लाख 2 5 . . . Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001716
Book TitlePravachana Saroddhar Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemprabhashreeji
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1999
Total Pages504
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size8 MB
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