SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 234
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रवचन-सारोद्धार १७१ श्रावकों की कुल संख्या ५५,४८००० है ॥ ३६४-३६७ ।। २५ द्वार: श्राविका-संख्या पढमस्स पंच लक्खा चउपन्न सहस्स तयणु पण लक्खा। पणयालीससहस्सा छलक्ख छत्तीस सहस्सा य ॥ ३६८ ॥ सत्तावीससहस्साहियलक्खा पंच पंच लक्खा य। सोलससहस्सअहिया पणलक्खा पंच उ सहस्सा ॥ ३६९ ॥ उवरिं चउरो लक्खा धम्मो जा उवरि सहस तेणउई। इगनउई इगहत्तरि अडवन्नऽडयाल छत्तीसा ॥ ३७० ॥ चउवीसा चउदस तेरसेव तत्तो तिलक्ख जा वीरो। तदुवरि तिनवइ इगासी बिसत्तरी सयरि पन्नासा ॥ ३७१ ॥ अडयाला छत्तीसा इगुचत्तऽट्ठारसेव य सहस्सा। सङ्घीण माणमेयं चउवीसाए जिणवराणं ॥ ३७२ ॥ -विवेचन२४ जिन की श्राविका-संख्या १. ५,५४,००० २. ५,४५,००० ६,३६,००० ४. ५,२७,००० ५. ५,१६,००० ६. ५,०५,००० ७. ४,९३,००० ८. ४,९१,००० ९. ४,७१,००० १०. ४,५८,००० ११. ४,४८,००० १२. ४,३६,००० १३. ४,२४,००० १४. ४,१४,००० १५. ४,१३,००० १६. ३,९३,००० १७. ३,८१,००० १८. ३,७२,००० १९. ३,७०,००० २०. ३,५०,००० २१. ३,४८,००० २२. ३,३६,००० २३. ३,३९,००० २४. ३,१८,००० चौबीस तीर्थंकरों की कुल श्राविकाओं की संख्या १,०५,३८००० है ॥ ३६८-३७२ ।। २६ द्वार । अधिष्ठायक जक्खा गोमुह महजक्ख तिमुह ईसर तुंबुरु कुसुमो। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001716
Book TitlePravachana Saroddhar Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemprabhashreeji
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1999
Total Pages504
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy