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द्वार २३-२४
१७०
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-विवेचन२४ जिन के चौदह पूर्वधर मुनियों की संख्या४,७५०
२,०३० १३. ३,७२० ८. २,००० १४. २,१५०
१,५०० १,५००
१,४०० | १६. २,४०० ११. १,३०० २,३००
१,२००
१८.
१,१०० १,००० ९०० ८०० ६७० ६१०
६६८ ५०० ४५० ४०० ३५०
*
१७.
चौदह पूर्विओं की कुल संख्या ३३,९९८ है ।। ३६०-३६३ ।।
|२४ द्वारः |
श्रावक-संख्या
पढमस्स तिन्नि लक्खा पंच सहस्सा दुलक्ख जा संती। लक्खोवरि अडनउई तेणउई अट्ठसीई य ॥ ३६४ ॥ एगसीई छावत्तरि सत्तावण्णा य तह य पन्नासा। गुणतीस नवासीई अगुणासी पनरस अद्वैव ॥ ३६५ ॥ छच्चिय सहस्स चउरो सहस्स नउई सहस्स संतिस्स । तत्तो एगो लक्खो उवरि गुणसीय चुलसी य ॥ ३६६ ॥ तेयासी बावत्तरि सत्तरि इगुहत्तरी य चउसट्ठी। एगुणसट्ठि सहस्सा सावगमाणं जिणवराणं ॥ ३६७ ॥
-विवेचन२४ जिन की श्रावक-संख्या१. ३,०५,०००
२,५७,००० १३. २,०८,००० १९. १,९३,००० २. २,९८,००० ८. २,५०,००० १४. २,०६,००० २०. १,७२,००० ३. २,९३,००० ९. २,२९,००० १५. २,०४,००० २१. १,७०,००० ४. २,८८,००० १०. २,८९,००० १६. २,९०,००० २२. १,६९,००० ५. २,८१,००० ११. २,७९,००० १७. १,७९,००० २३. १,६४,००० ६. २,७६,००० १२. २,१५,००० १८. १,८४,००० २४. १,५९,०००
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