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________________ ११४ जैन दर्शन में त्रिविध आत्मा की अवधारणा प्रज्ञापना,४५६ भगवतीसूत्र,४६० आचारांगनियुक्ति, तत्त्वार्थराजवार्तिक,४६१ गोम्मटसार४६२ आदि में मिलती है। (क) लेश्या की अवधारणा : षड्लेश्याओं की अवधारणाओं में प्रारम्भिक तीन लेश्याएँ कृष्ण, नील और कपोत अशुद्ध लेश्याएँ कही गई हैं। ये व्यक्ति के आध्यात्मिक अविकास या पतन को सूचित करती हैं। दूसरे शब्दों में ये वासनामय और स्वार्थमय जीवनशैली की सूचक हैं। इसके विपरीत तेजो, पद्म और शुक्ल - ये तीन लेश्याएँ शुभ लेश्याएँ कही गई हैं। ये आध्यात्मिक विकास की सूचक हैं। इनमें भी तेजोलेश्या की अपेक्षा पद्मलेश्या और पद्मलेश्या की अपेक्षा शुक्ललेश्या उत्तरोतर आध्यात्मिक विकास की सूचक है। यहाँ यह भी ज्ञातव्य है कि जहाँ अशुभलेश्याएँ बहिरात्मा की सूचक हैं; वहाँ शुभलेश्याएँ अन्तरात्मा की सूचक हैं। षड्लेश्याओं में अन्तिम शुक्ललेश्या अपने अन्तिम चरण में परमात्म अवस्था की सूचक है। अर्हन्त परमात्मा शुक्ल लेश्या से युक्त माने जाते हैं। सिद्ध परमात्मा लेश्याओं से परे होते हैं अर्थात् अलेश्य होते हैं। इन लेश्याओं के स्वरूप आदि पर विस्तृत चर्चा इस शोध प्रबन्ध के षष्ठ अध्याय में करेंगे। (ख) गुणश्रेणियाँ : प्राचीन स्तर के जैन ग्रन्थों में आध्यात्मिक विकास की यात्रा को गुणश्रेणियों के आधार पर भी विवेचित किया गया हैं। गुणश्रेणियों का विवेचन आत्मा की कर्मों से विशुद्धि के आधार पर किया गया है। गुणश्रेणियों की यह चर्चा हमें आचारांगनियुक्ति४६३, तत्त्वार्थसूत्र ६४ और उसकी टीका, षड्खण्डागम ६५ के चतुर्थ खण्ड ४५६ प्रज्ञापना उवंगसुत्ताणि, लाडनू खण्ड २ पृ. २२६, १७/४/१ । ४६० भगवई अंगसुताणि लाडनू खण्ड २ पृ. १८५, ४/१०/८ । ४६' तत्त्वार्थवार्तिक, पृ. २३८ । ४६२ गोम्मटसार, जीवकाण्ड ४६१-६२ । ४६३ आचारांगनियुक्ति २२२-२३ ।। 'सम्यग्दृष्टिश्रावकविरतानन्त वियोजकदर्शनमोहक्षपकोपशान्त । मोह क्षपकक्षीण मोहजिनाः क्रमशोऽसङ्ख्येयगुणनिर्जराः ।। ४७ ।।' __ -तत्त्वार्थसूत्र ६ (सम्पा. पं. सुखलालजी)। ४६४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001714
Book TitleJain Darshan me Trividh Atma ki Avdharana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyalatashreeji
PublisherPrem Sulochan Prakashan Peddtumbalam AP
Publication Year2007
Total Pages484
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Soul
File Size8 MB
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