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________________ विषयानुक्रमणिका साधारण अंक प्रथम स्तबक मङ्गलाचरण १-७ पूर्वकविस्मरण ८-१० ११-१२ उपोद्घात जम्बुद्वीप सम्बन्धी भरतक्षेत्र में विजयार्ध पर्वतको उत्तरश्रेणी अलका नामकी नगरी है। १०-१२ १३-१४ १४-१६ १७ १७-१८ नगरी वर्णन १४-२० अलका नगरीका राजा अतिबल था, उसका वर्णन २१-२४ अतिबलकी मनोहरा रानी थी, उसका वर्णन २५-२६ अतिबल भोर मनोहराके महाबल नामका पुत्र हुआ, उसका वर्णन २७-२९ राजा अतिबल, महाबलको युवराज बनाकर भोगोपभोगमें लीन हो गया ३० किसी समय राजा अतिबलने संसारसे विरक्त होकर दीक्षा धारण कर ली महाबलका राज्य वर्णन ३२-३५ महाबलके यौवनका वर्णन ३६-३८ राजा महाबलके महामति, संभिन्नमति, शतमति और स्वयंबुद्ध ये चार मन्त्री थे। उन सभीमें स्वयंबुद्ध सम्यग्दृष्टि था ३९-४० राजा महाबलके भोगोपभोगका वर्णन ४१-४३ किसी समय राजा महाबलके वर्षवृद्धि महोत्सवमें स्वयंबुद्ध मन्त्रीने रौद्रध्यान, आर्तध्यान, धर्म्यध्यान और शुक्लध्यानके फलको सूचित करनेवाली अरविन्द, दण्ड, शतबल और सहस्रबल विद्याधरकी कथाएँ सुनायीं । जिन्हें सुनकर राजा महाबलने उसका बहुत सम्मान किया ४४-६२ एक बार स्वयंबुद्ध मन्त्री जिनचैत्यालयोंकी वन्दना करनेके लिए सुमेरु पर्वतपर गया । इस सन्दर्भमें सुमेरुका वर्णन १८-२० २०-२१ २१-२२ २२-२३ २३-३० ३१-३२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001712
Book TitlePurudev Champoo Prabandh
Original Sutra AuthorArhaddas
AuthorPannalal Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1972
Total Pages476
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, & Literature
File Size12 MB
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