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________________ आधुनिक चिन्तक और ध्यानसाधना खण्ड: नवम दी की मध्यमा अंगुलियों को सीधा करे, उनके सिरों को परस्पर मिलाए, अवशिष्ट अँगुलियों तथा अँगूठों को मोड़े रहे। यों दीपज्योति जैसा स्थूल आकार निर्मित होता है। दीपक मुद्रा आत्मा की दिव्य ज्योति, शक्ति या ऊर्जा की प्रतीति कराती है। योगमुद्रा द्वारा उत्प्रेरित अन्तर्जगत् की यात्रा में बाह्य उपादान छूटते जाते हैं, अन्तर्जगत् की ओर साधक के कदम बढ़ते जाते हैं, साधक आत्मज्योति पर अपने को टिकाता है। इस टिकाव से पूर्वाभ्यास प्राप्त उत्कर्ष की स्थिरता सधती है। यह बड़ी सूक्ष्म, स्फूर्त एवं ज्वलन्त चिन्तनधारा है। इसके द्वारा चिन्तनक्रम पर-पराङ्मुख और स्वोन्मुख बनता है। साधक आगे बढ़ता जाता है। (4) वीतराग मुद्रा: - वीतराग वह दशा है, जहाँ साधक राग, द्वेष, काम-क्रोध, लोभ, मोह आदि से विरत होने की अनुभूति करता है। यद्यपि तात्त्विक दृष्ट्या तदनुरूप कार्यक्षयात्मक स्थिति जब तक निष्पन्न नहीं होती, तब तक पूर्ण वीतरागता सर्वथा प्राप्त नहीं हो सकती, किन्तु तदनुरूप कर्मक्षयोन्मुख पुरुषार्थ पुरस्कार हेतु साधक वीतरागत्व के ध्यानात्मक अभ्यास में अभिरत होता है, जो उसके लिए परम हितावह है। इस मुद्रा में साधक प्रशान्तभाव से सुखासन में स्थित हो। बायें हाथ (हथेली) पर दायें हाथ (हथेली) को रखे। निम्नांकित श्लोक के आदर्श को दृष्टि में रखे रागद्वेषविजेतारं, ज्ञातारं विश्ववस्तुनः । शक्रपूज्यं गिरामीशं, तीर्थशं स्मृतिमानये॥ रागद्वेषविजय, देहातीत एवं साक्षीभाव की अनुभूति इस मुद्रा का उद्दिष्ट है। जगत् देह के प्रति सर्वथा अनासक्त, असंपृक्त भावमूलक चिन्तन, मनन एवं निदिध्यासन आगे बढ़े, अपने शुद्ध स्वरूप की ज्ञप्ति, प्रतीति अनुभूति सधे, इस दिशा में साधक की स्थिरतामय दशा इस मुद्रा में निष्पन्न होती है। यह अनुभूतिप्रवण दशा है, जिसे शब्दबद्ध नहीं किया जा सकता। इससे साधक निःसन्देह अपने जीवन में दिव्य शान्ति एवं समाधि दशा का अनुभव करते हैं। ~~~~~~~~~~~~~~~ 34 ~~~~~~~~~~~~~~~ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001711
Book TitleJain Dharma me Dhyana ka Aetihasik Vikas Kram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUditprabhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Yoga, Religion, & History
File Size9 MB
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