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________________ खण्ड : षष्ठ जैन धर्म में ध्यान का ऐतिहासिक विकास क्रम धारणा : धारणा पातंजल योग का छठा अंग है। योगांगों में क्रमश: ध्यान की दिशा की ओर अग्रसर होता हुआ साधक प्रत्याहार सिद्ध कर लेने पर धारणा पर आता है। धारणा ध्यान की पूर्व पीठिका है, ऐसा कहा जाता है। शरीर के किसी अंगविशेष पर अथवा किसी बहिर्वर्ती लक्ष्य विशेष पर चित्त को बाँध देना, टिकादेना, धारणा कहा गया है।80 आचार्य शुभचन्द्र ने तीसवें सर्ग में केवल दो श्लोकों में धारणा के देहगत लक्ष्य बिन्दुओं को लेकर निरूपण किया है। उन्होंने लिखा है कि इन्द्रियसमूह का निरोध कर उनकी विषयानुगामी गति को रोक कर समत्व का अवलम्बन कर साधक को अपने मन को अपने ललाट प्रदेश में संलीन करना चाहिए।81 निर्मलमति आचार्यों ने नेत्रयुगल, श्रवणयुगल, नासिका का अग्र भाग, ललाट, मुख, नाभि, मस्तिष्क, हृदय, तालु, दोनों भौंहों का मध्य भाग इन्हें ध्यान स्थान के रूप में प्रतिपादित किया है। इनमें से किसी एक को आलम्बन के रूप में स्वीकार कर चित्त को टिकाना चाहिए। इन स्थानों में चित्त को विश्रान्त करना, ठहराना, स्वसंवेदन रूप ध्यान का कारण बनता है। 82 ग्रन्थकार ने चित्त को किसी एक स्थान पर टिकाने में देह के अन्तर्वर्ती केन्द्रों को ही मुख्य मानते हुए उनका विवेचन किया है। उन केन्द्रों पर चित्त को बद्ध-नियंत्रित एकाग्र करने से साधक में अन्तर्वर्तिता फलित होती है। देह के बहिर्वर्ती स्थानों पर चित्त को टिकाने का उल्लेख न करने के पीछे ग्रन्थकार का यह सूक्ष्म अभिप्राय परिलक्षित होता है। सवीर्यध्यान: ____ 31वें सर्ग में आचार्य शुभचन्द्र ने एक विशेष अनुभूत दृष्टिकोण से ध्यान का वर्णन किया है जिसका परिशीलन करने से साधक में ध्यानसिद्धि करने की क्षमता का उद्भव हो। ध्यानस्थ होने के पूर्व साधक यह चिन्तन करे कि यह कितने बड़े खेद का विषय है कि मैं तो अनन्त गुण रूप कमलों को विकसित करने वाले सूर्य समान 80. योगसूत्र 3.1 81. ज्ञानार्णव 30.12 82. वही, 30.13-14 ~~~~~~~~~~~~~~~ 39 ~~~~~~~ R Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001711
Book TitleJain Dharma me Dhyana ka Aetihasik Vikas Kram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUditprabhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Yoga, Religion, & History
File Size9 MB
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