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________________ खण्ड : पंचम जैन धर्म में ध्यान का ऐतिहासिक विकास क्रम कमनीय कान्ता समन्वित तरुण पुरुष को जैसे दिव्य संगीत सुनने की उत्कंठा बनी रहती है, उसी प्रकार उस दृष्टि से युक्त साधक को तत्त्वज्ञान की उत्कंठा, अभीप्सा बनी रहती है । तत्त्वशुश्रूषा बोध रूपी जल के स्रोत की शिरा या भूमिस्थित जलप्रणालिका के सदृश है। यदि यह नहीं होती तो सब सुना हुआ उस कूप की ज्यों निरर्थक है जो जल की अन्तः प्रणालिका से रहित है । ' 18 यह दृष्टि जब प्राप्त हो जाती है तो साधक को शुभ योगों के योगानुगत उत्तम कार्यों में विक्षेप नहीं होता। वह कुशलता एवं निपुणता पूर्वक उन्हें करता रहता है। आध्यात्मिक साधना में उपकारक या सहायक साधनों के प्रति भी साधक के मन में परिष्कार भाव रहता है अर्थात् वह उनके साथ इच्छा द्वारा प्रतिबद्ध नहीं होता। अथवा वह साधनों को ही सब कुछ मानकर उलझा नहीं रहता । सावद्य पापयुक्त प्रवृत्तियों का परिहार करता हुआ वह योगसाधना में अविहत रूप में संलग्न रहने में उद्यत रहता है। 19 * दीप्रा दृष्टि : प्रादृष्टि के प्राप्त हो जाने पर योगी के अष्टांगयोग का चौथा अंग प्राणायाम सिद्ध हो जाता है | 20 प्राण का अर्थ है प्राणवायु जो श्वास-प्रश्वास के रूप में देह में चलती रहती है । 'प्राणायाम आयाम: प्राणायाम:' प्राणवायु का आना-जाना प्राणायाम है। उसका देह में प्रविष्ट होना श्वास तथा निकलना प्रश्वास है । प्राणवायु के गमन - आगमन रूप क्रिया का गतिच्छेद प्राणायाम का लक्षण है अर्थात् प्राणवायु का नियमन करना, उसको विशेष रूप में साधित करना इसके अन्तर्गत है । प्राणायाम बाह्यवृत्ति, आभ्यन्तरवृत्ति और स्तंभवृत्ति के रूप में तीन प्रकार का है। वह देश, काल और संख्या के आधार पर भली भाँति परिदृष्ट होता है । वह अभ्यास द्वारा प्रलम्ब व सूक्ष्म होता जाता है। प्राणवायु को शरीर से बाहर निकाल कर, बाहर ही जितने समय तक सुखपूर्वक 18. योगदृष्टि समुच्चय श्लोक. 50-53, पृ. 15-16 19. वही, श्लोक 55-56, पृ. 70 20. योगसूत्र - 49-50, पृ. 64 Jain Education International 13 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001711
Book TitleJain Dharma me Dhyana ka Aetihasik Vikas Kram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUditprabhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Yoga, Religion, & History
File Size9 MB
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