________________
क्या
सिंह
मय.रि मारिज्जा
अव्यय (मयारि) 1/1 (मार) व कर्म 3/1 सक अच्यय (बसह) 3/1 (वग्ध) 1/1 (दार) व कर्म 3/1 मक
यसहेस
मारा जाता है क्या बैल के द्वारा शेर चोरा जाता है
बग्घु
दारिज्जा
क्या धोबी के द्वारा
हंसें
ससंकु धवलिज्जा
अव्यय (हंस) 3/4 (ससंक) 1/ (धवल) व कर्म 3/1 सक अव्यय (मणुअ) 3/1 (काल) 1/1 (कवल) व कर्म 3/1 सक
मणुए कालु कवलिज्ज
सफेद किया जाता है क्या मनुष्य के द्वारम काल नगला जाता है
8. डेंडुहेरण
कि सप्पु डसिज्ज
डेंडुह) 3/1 अव्यय (सप्प) 1/1 (डस) व कर्म 3/1 सक अव्यय (कम्म) 3/1 (सिद्ध) 1/ (वसि) 7/1 (कि) व कर्म 3/1 सक
मेंढक के द्वारा क्या साँप काटा जाता है क्या कर्म के द्वारा
कम्मरण सिद्ध
वसि
वश में किया जाता है
किज्जइ
9. कि
गोसासे लोउ रिणहिप्पड़
अच्यय (णीसास ) 3/1 (लोअ) 1/1 (रिणहिप्पइ) व कर्म 3/1 सक अनि अध्यय (तुम्ह) 3/1 स्व [ (भरह)-(णराहिअ) 1/1] (जिप्पइ) व कर्म 3/1 सक अनि
क्या श्वांस से लोक स्थापित किया जाता है क्या तुम्हारे द्वारा भरत नराधिप जीता जाता है
पई भरहणराहिउ जिप्पड़
10. हो
पाश्चर्य
होउ
अव्यय (हो) विधि 3/1 अक (पहुप्प) व 3/1 अक
पहुप्पड़
समर्थ होता है
अपभ्रंश काव्य सौरम ]
[83
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org