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अस्मत् शब्द के ही षष्ठी एकवचन के रूप मम, मे, मज्झ और मह की स्थिति उपरोक्त ग्रन्थों में इस प्रकार है
मम
मे
मज्ज
मह
ते
te
तव
तज्झ तुझं
तुमं
तुहं तुह
वसुदेवहिण्डी
(प्रतिशत)
उपरोक्त तालिका के अनुसार षष्ठी एकवचन के रूपों में "मज्झ" का प्रयोग वसुदेवहिण्डी में सबसे कम और उपदेशमाला में सबसे अधिक है ।
मध्यम पुरुष में षष्ठी एकवचन के लिए उपरोक्त ग्रन्थों में विभिन्न रूपों की स्थिति इस प्रकार है
तेसिं ताणं - ताण
४७.५
४०.०
१०.०
२.५
प्रयोग इस प्रकार है
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वसुदेवहिन्डी (प्रतिशत)
७८.७
७.१
७.१
०.०
७.१
पउमचरियं
(प्रतिशत)
२.५
३२.५
३०.०
३५.०
वसुदेवहिण्डी (प्रतिशत)
८९
११
पउमचरियं
(प्रतिशत)
१४.२
०.०
६२.०
९.६
१४.२
उपदेशमाला
(प्रतिशत)
पउमचरियं
(प्रतिशत)
१२.५
५०.०
३७.५
०
अन्य पुरुष में षष्ठी विभक्ति एकवचन के लिए तेसिं और ताणं- ताण का
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उपदेशमाला
(प्रतिशत)
०
०
०
०
१००२०
उपदेशमाला
(प्रतिशत)
१००
पूर्वकालिक कृदन्त के लिए अन्य प्रत्ययों के साथ - साथ हेत्वर्थ कृदन्त ( - उं)
३९
८८.९
११.१
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