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१२७. निशीथचूर्णि II, पृ० ४१७-१८.
(२) वही, भाष्य २९५१. (३) बृहत्कल्पभाष्य ५२५४-९.
(४) गच्छाचारनियुक्ति, पृ. २६. १२८. (१) निशीथसूत्रभाष्य ३२००.
(२) वही, चूर्णि II, पृ० १२५-६. (३) आवश्यकचूर्णि II, पृ० ८०. (४) नन्दीसूत्रवृत्ति - मलयगिरि, पृ० ५०.
(५) गच्छाचारवृत्ति - वानरमुनि, पृ० ३१. १२९. (१) ज्ञाताधर्मकथा ५५ एफएफ
(२) आवश्यकचूर्णि I, पृ० ३८६. (३) वही, १७३, २०१. (४) स्थानांगवृत्ति - अभयदेव, पृ० १८२, २१८. (५) गच्छावतारवृत्ति - वानरमुनि, पृ० ७.
(६) समवायांगवृत्ति - अभयदेव, पृ० ११८. १३०. आवश्यकचूर्णि II, पृ० १७१. १३१. आवश्यकचूर्णि, II, पृ० ५५९. १३२. (१) ज्ञाताधर्मकथा १४१-७.
(२) स्थानांग २४०. (३) वही, वृत्ति - अभयदेव, पृ० ३०३. (४) आचारांगचूर्णि, पृ० ५८, २११. (५) वही, वृत्ति - शीलांक, पृ० ११३, २४१. (६) आवश्यकचूर्णि I, पृ० ५४९. (७) वही, वृत्ति - हरिभद्र, पृ० २८८. (८) मरणसमाधि ६३७. (९) सूत्रकृत्रांग नियुक्ति १४७. (१०) उत्तराध्ययनसूत्र वृत्ति - शान्तिसूरि, पृ० ३२६
(११) महानिशीथ, पृ० १७६. १३३. (१) ज्ञाताधर्मकथा १४१-१४६.
(२) आवश्यक, पृ० २७. (३) वही, चूर्णि I, पृ० ३८४-९.
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