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जाण
प्रा०
कल
( ४२ ) (पालि भाषा में भी 'य' को 'ज' होता है। गवय = गवज देखिए-पा० प्र० पृ० ६२) मागधी भाषा में शब्द के श्रादि 'य' का 'य' ही रहता है।'
सं० मा० प्रा० याति यादि जाइ यथा यधा जहा
यान याण मागधी भाषा में 'र' के स्थान में 'ल' होता है । सं० . मागधी
कर विचार विश्राल
विश्रार नर नल
नर चूलिका-पैशाची में 'र' के स्थान में विकल्प से 'ल' होता है।
सं० चू० पै० प्रा०
हर हल, हर हर पैशाची भाषा में 'ल' के स्थान में 'ळ' होता है।
सं० पै० प्रा० कमल कमळ कमल कुल कुळ कुल
शील . सीळ सील १. हे० प्रा० व्या०८४२६२। २. हे० प्रा० व्या०८४२८८ । ३. हे० प्रा० व्या०८४३२६ । ४. हे० प्रा० व्या० ८।४।३०८ ।
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