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सं०
शपथ
प्राο
सबध-सवध
सवह
११.
प्राकृत और अपभ्रंश भाषा में दो स्वरों के बीच में आए हुए 'फ' को 'भ' अथवा 'ह' होता है । '
रेफ-रेभ, रेह | शिफा - सिभा, सिहा । मुक्ताफल-मुत्ताहल । 'मुत्ताभल' नहीं होता है । शफरी-सभरी, सहरी । सफल - सभल, सहल । श्रप० सभला ।
१२.
( ४१ )
अप०
दो स्वरों के मध्य में आए हुए 'ब' को 'व' होता है। * शबल-सवल, अलाबू - श्रलावू (पालि अलापू )
( पालि भाषा में भी 'ब' को 'व' होता है । देखिए - पा० प्र०
कमल
भ्रमर
यथा
पृ० ६२, ब = व )
अपभ्रंश भाषा में दो स्वरों के बीच में श्राए हुए 'म' को विकल्प से 'व' होता है । 3
सं०
कुमर
तथा
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अप०
कवल,
भवर, भमर
जिव, जिम
कमल
कुवँर, कुमर तिवँ, तिम
प्रा०
कमल
भमर
१३.
शब्द के श्रादि में 'य' को 'ज' होता है। यज्ञ - जन्न, यशस् - जसो, याति- जाइ । यम-जम, यथा- जहा ।
जह, जहा
कुमर
तह, तहा
१. हे० प्रा० व्या० ८|१|२३६ | तथा ८४३६६ । २. हे० प्रा० व्या० ८|१| २३७ | ३. हे० प्रा० व्या० ८|४ | ३६७ | ४. हे० प्रा० व्या० ८११२४५
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