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( २१३ ) अहम ( अधम ) = अधम, नीच, हलका । जिइंदिय ( जितेन्द्रिय ) = इन्द्रियों को जीतनेवाला। निरद्वय ( निरर्थक )= निरर्थक, व्यर्थ । धीर ( धीर ) = धीर, धैर्यधारी । अणारिय (अनार्य )= अनार्य, आर्य से विपरीत । पिय (प्रिय ) = प्रिय, इष्ट, प्यारा । दुप्पूरिय ( दुष्पूर्य ) = दुष्पूर्य-जो कठिनता से पूरा हो सके । सयल ( सकल ) = सकल, सब, सम्पूर्ण । कुसल ( कुशल ) = कुशल, चतुर । दरतिक्कम (दुरतिक्रम ) = जिसका अतिक्रमण करना कठिन हो । मड, मय ( मृत ) = मृत, मरा हुआ। से? ( श्रेष्ठ )= श्रेष्ठ, उत्तम । दंत ( दान्त )= तृष्णा का दमन करने वाला, शान्त । कड, कय ( कृत) = कृत, किया हुआ। विविह ( विविध ) = विविध, भिन्न-भिन्न प्रकार का।
धातुएँ भास् ( भाष् ) = भाषण करना, बोलना। प + मय ( प्र + माद्य )= प्रमाद करना, आलस्य करना । जुर् ( जुर् ) = जूरना, वियोग से दुःखित होना । तिप्प = ( तिप् ) = देना, झरना, रोना। पिट्ट ( पिट्ट ) = पीटना, मारना, पीड़ा देना । परि + तप्प ( परि + तप्य ) = परिताप पाना, दुःखी होना । सम् + आ + यर् ( सम् + आ + चर ) = आचरण करना । कप्प् ( कल्प ) = आवश्यकता होना, उचित होना। वज्ज् ( वर्ज ) = वर्जन करना, रोकना, छोड़ना ।
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