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________________ ( १६१ ) समुद्द, वंक, साहा, पढाइ, साहु, हलद्दा, अंगाल, सद्द, चोद्दह, छट्ट, भायण । ४. निम्नलिखित संयुक्त व्यंजनों के परिवर्तित रूप उदाहरण सहित बताओ ? क्ष, त्य, द्य, प्स, ष्ट । ५. निम्नांकित संयुक्त व्यञ्जन वाले शब्दों के प्राकृत रूपान्तर बताओ ? ग्रीष्म, स्तम्भ, पुष्प, प्रश्न, मुष्टि, ध्यान, शौण्डोर्य, ऊर्ध्व, तीर्थ, निम्न, कर्तरी । ६. निम्नलिखित शब्दों में संधि बताओ ? वासेसि, ददामहं, बहूदगं, पुहवोसो, काही | ७. निम्नलिखित शब्दों में समास समझाओ ? देवदाणवगंधा, वीतरागो, तित्थयरो, नरिंदो, महावीरो । ८. दीर्घ को ह्रस्व और ह्रस्व को दीर्घ कब-कब होता है ? उदाहरण सहित समझाओ । ६. स्वरान्तधातु और व्यञ्जनांतधातु की रूप-साधना में क्या-क्या अन्तर है ? १०. प्राकृत में द्विवचन है ? वहाँ द्विवचन का अर्थ किस प्रकार सूचित किया जाता है ? ११. प्राकृत भाषा के रूपों के साथ गुजराती भाषा के रूपों का कैसा सम्बन्ध है ? १२. शौरसेनी, मागधी तथा अपभ्रंश भाषा के परिवर्तन के नियमानुसार प्राकृत भाषा से कहाँ कहाँ भिन्नता है ? १३. पालि भाषा तथा प्राकृत भाषा के परिवर्तनों में समानता बताओ ? ११ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001702
Book TitlePrakritmargopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1968
Total Pages508
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size16 MB
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