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( १५६ ) सूस } ( शुष्य')-शोषण करना । सुण ( शृणु )-सुनना। सुमर् ( स्मर)-स्मरण करना, याद करना । गच्छ ( गच्छ )-गति करना, जाना।
( नश्य) नाश होना। गेण्ह (गृह्णा )-ग्रहण करना । नच्च् ( नृत्य )-नाचना । कुण ( कृणु)-करना।
( रूष्य )-रूठना, रोश करना, गुस्सा करना, क्रोध करना । हण ( हन् )-हनना, मारना।
सार और प्रश्न एकवचन
बहुवचन १. पु० वंदमि, वंदामि, वंदेमि। वंदमो, वंदामो, वंदिमो, वंदेमो,
वंदमु, वंदामु, वंदिमु, वंदेमु,
वंदम, वंदाम, वंदिम, वंदेम । २. पु. वंदसि, वंदेसि, बंदसे, वंदह, वंदेह, वंदइत्था, वंदेइत्था, वंदेसे ।
वंदित्था। ३. पु. वंदइ, वंदेइ, वंदए, वंदेए, वंदति, वंदेति, वंदिति, वंदंते, वंदति, वंदेति, वंदते वंदेते। वंदेंते, वंदिते, वंदइरे, वंदेइरे,
वंदिरे ।
रूस्स
सर्व पुरुष
वंदेज्ज, वंदेज्जा
सर्व वचन १. देखिए पृ० ११ नि० १ ।
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