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बिति
( १५८ ) नज्झसि ठाइ
लिहेज्ज बे सोहामो
सिझंति मुज्झिमु
दो लहेज्जा वेन्नि विज्जति
कुज्झेसि ठाएह
अंसि बे बाहह
धातुएँ बीह' (भी)-भयभीत होना, डरना । छज्ज् ( सज्ज)-छाजना, शोभा देना । वेढ् ( वेष्ट )-वेष्ठन करना, वीटना, लपेटना । कर ( कर )--करना । तर ( तर )-तरना, तैरना। चिण ( चिनु)-चयन करना, चुनना, इकट्ठा करना । डह ( दह )-दग्ध होना, दाझना, जलना । डज्झ् ( दह्य )-दग्ध होना, जलना, जलाना ।
(नम)-नमना, झुकना, प्रणाम करना । चय ( त्यज)-त्यागना, छोड़ना । जिण (जिना)-जीतना । छिद् ( छिनद् )-छेदन करना, फाड़ना। चल ( चल)-चलना। निद् ( निन्द )-निन्दना, निन्दा करना, शिकायत करना ।
न
समानता 'बीह' और 'भी' :- +ह + ई; ब् और ह के मिल जाने से भ और ई के मिलने से 'भी' ।
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