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________________ १९४ पञ्चाशकप्रकरणम् [ एकादश है जब उसे कोई सहायक साधु न मिले। अगीतार्थ को तो हमेशा दूसरे के साथ ही विहार करना चाहिए। इसलिए बुद्धिमानों को दशवैकालिकसूत्र की 'न वा लभेज्जा' इस गाथा का यह अर्थ समझना चाहिए कि दूसरा सहायक न मिले तो ही गीतार्थ साधु के लिए एकाकी विहार मान्य है ।। ३३ ।। सूत्र का विशेषार्थ व्याख्या सापेक्ष है जं जह सुत्ते भणियं तहेव जइ तं वियालणा णत्थि । किं कालियाणुओगो दिट्ठो दिट्ठिप्पहाणेहिं ? ।। ३४ ॥ यद्यथा सूत्रे भणितं तथैव यदि तद्विचारणा नास्ति । किं कालिकानुयोगो दृष्टो दृष्टिप्रधानैः ? ।। ३४ ॥ जिस सूत्र में जैसा कहा गया है वैसा ही अर्थ करना हो अर्थात् सूत्र का शब्दानुसारी अर्थ करना हो–उसके भावार्थ की कल्पना नहीं करनी हो तो दृष्टिसम्पन्न भद्रबाहु स्वामी आदि के द्वारा कालिकसूत्रों की रचना करने के बाद भी नियुक्ति आदि की रचना क्यों की गई होती ? किसी भी सूत्र का केवल शब्दार्थ से अर्थ स्पष्ट नहीं होता है, अपितु उसका भावार्थ भी लेना पड़ता है। इसीलिए भद्रबाहु स्वामी आदि ने सूत्रों पर नियुक्तियों की रचना की है ।। ३४ ।। ____ मूलगुणों से ही रहित गुरु त्याज्य है गुरुगुणरहिओऽवि इहं दट्ठव्वो मूलगुणविउत्तो जो । ण उ गुणमेत्तविहीणोत्ति चंडरुद्दो उदाहरणं ।। ३५ ॥ गुरुगुणरहितोऽपि इह द्रष्टव्यो मूलगुणवियुक्तो यः ।। न तु गुणमात्रविहीन इति चण्डरुद्र उदाहरणम् ।। ३५ ॥ यहाँ जो गुरु मूलगुणों से रहित हैं उनको ही गुरुगुणरहित जानना चाहिए, न कि गुणमात्र से रहित, अर्थात् सुन्दर आकृति, विशिष्ट उपशम आदि उत्तरगुणों से रहित गुरु को। यदि गुरु मूलगुणों से युक्त है तो वह गुरु है। इस विषय में चण्डरुद्राचार्य का उदाहरण है। वे बहुत क्रोधी थे, फिर भी बहुत से संविग्न गीतार्थ शिष्यों ने उनका त्याग नहीं किया। इतना ही नहीं, वे शिष्य उनका सम्मान भी। करते थे ।। ३५ ॥ कृतज्ञ शिष्य सद्गुरु का त्याग नहीं करते जे इह होति सुपुरिसा कयण्णुया ण खलु तेऽवमन्नति । कल्लाणभायणत्तेण गुरुजणं उभयलोगहियं ।। ३६ ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001701
Book TitlePanchashak Prakaranam
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorSagarmal Jain, Kamleshkumar Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1997
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Religion, & Ritual
File Size24 MB
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