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________________ दशम] उपासकप्रतिमाविधि पञ्चाशक १६९ पोषधप्रतिमाधारी पोषध में अप्रत्युपेक्षित-दुष्प्रत्युपेक्षित-शय्यासंस्तारक (सोने के लिए बिस्तर), अप्रमार्जित-दुष्प्रमार्जित-शय्यासंस्तारक, अप्रत्युपेक्षितदुष्प्रत्युपेक्षित-उच्चारप्रश्रवणभूमि और अप्रमार्जित-दुष्प्रमार्जित-उच्चारप्रश्रवणभूमि इन चार का त्याग करता है ।। १६ ।। पाँचवीं कायोत्सर्गप्रतिमा का स्वरूप सम्ममणुव्वयगुणवयसिक्खावयवं थिरो य णाणी य । अट्ठमिचउद्दसीसुं पडिमं ठाएगराईयं ।। १७ ॥ सम्यगणुव्रतगुणव्रतशिक्षाव्रतवान् स्थिरश्च ज्ञानी च । अष्टमीचतुर्दश्योः प्रतिमां तिष्ठत्येकरात्रिकाम् ।। १७ ॥ सम्यग् अणुव्रत, गुणव्रत और शिक्षाव्रत वाला अर्थात् पूर्वोक्त चार प्रतिमाओं वाला, अविचल सत्त्वधारी और प्रतिमाविधि का ज्ञाता श्रावक अष्टमी और चतुर्दशी - इन पर्वदिवसों में सम्पूर्ण रात्रि कायोत्सर्ग प्रतिमा में स्थित रहे ।। १७ ।। शेष दिनों में कायोत्सर्ग प्रतिमाधारी का जीवन असिणाणवियडभोई मउलियडो दिवसबंभयारी य । रत्तिं परिमाणकडो पडिमावज्जेसु दियहेसु ।। १८ ।। अस्नानविकटभोजी मौलिकृतो दिवसब्रह्मचारी च । रात्रिं परिमाणकृतः प्रतिमावर्जेषु दिवसेषु ।। १८ ॥ कायोत्सर्ग प्रतिमाधारी को प्रतिमा वर्जित दिनों में १. स्नान नहीं करना चाहिए, २. रात्रिभोजन का त्याग करना चाहिए, ३. धोती की कच्छी नहीं बाँधनी चाहिए, ४. दिन में सम्पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और ५. रात्रि में स्त्रीभोग का परिसीमन ( परिमाण ) करना चाहिए ॥ १८ ॥ कायोत्सर्ग में क्या सोचना चाहिए ? । झायइ पडिमाएँ ठिओ तिलोगपुज्जो जिणे जियकसाए। णियदोसपच्वणीयं अण्णं वा पंच जा मासा ।। १९ ॥ ध्यायति प्रतिमायां स्थितो त्रिलोकपूज्यान जिनान् जितकषायान् । निजदोषप्रत्यनीकमन्यद्वा पञ्च यावन्मासान् ।। १९ ॥ कायोत्सर्ग-प्रतिमावाला कायोत्सर्ग धारण करते समय कषायजित और त्रिलोकपूज्य जिनों का ध्यान करता है अथवा अपने रागादि दोषों की आलोचना रूप ध्यान करता है। इस प्रतिमा का उत्कृष्ट काल पाँच महीना है ॥ १९ ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001701
Book TitlePanchashak Prakaranam
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorSagarmal Jain, Kamleshkumar Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1997
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Religion, & Ritual
File Size24 MB
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