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________________ पञ्चाशकप्रकरणम् [ अष्टम होने के कारण परिणाम शुद्ध होता है। आज्ञा के अनुसार प्रवृत्ति नहीं करने वाले का तीर्थङ्कर के प्रति बहुमान नहीं होता है और इसीलिए उसका परिणाम भी शुद्ध नहीं होता है ।। १२ ॥ १३६ आज्ञा की प्रधानता का कारण समतिपवित्ती सव्वा आणाबज्झत्ति भवफला चेव । तित्थगरुद्देसेणवि ण तत्तओ सा तदुद्देसा ।। १३ ।। भवफला चैव । स्वमतिप्रवृत्तिः सर्वा आज्ञाबाह्येति तीर्थङ्करोद्देशेनापि न तत्त्वतः सा तदुद्देशा ।। १३ ।। साधु या श्रावक सम्बन्धी कोई प्रवृत्ति यदि अपनी मति के अनुसार हो तो वह आज्ञारहित होने से सांसारिक फल देने वाली ही होती है, क्योंकि संसार को पार करने के साधनों में आज्ञा ही प्रमाण है। अपनी मति के अनुसार प्रवृत्ति यदि तीर्थङ्कर को उद्दिष्ट करके हो तो भी संसारबन्धन का ही कारण होती है, क्योंकि वह परमार्थ से तीर्थङ्कर को उद्दिष्ट नहीं होती है। आज्ञानुसारी प्रवृत्ति ही परमार्थ से तीर्थङ्कर को उद्दिष्ट हो सकती है ॥ १३ ॥ मूढा अणादिमोहा तहा तहा एत्थ संपयट्टंता । तं चेव य मण्णंता अवमण्णंता ण याति ।। १४ ।। मूढा अनादिमोहात् तथा तथा अत्र सम्प्रवर्तमानाः । तमेव च मन्यमाना अवमन्यमाना न जानन्ति ॥ १४ ॥ कुछ मूर्ख लोग भगवान् जिनेन्द्रदेव को लक्ष्य में रखकर जिनपूजा आदि कार्य करते हैं, किन्तु वे भगवान् की आज्ञा का पालन नहीं करते हैं। वे यह नहीं समझते कि वे एक ओर जिनपूजा करके तीर्थङ्कर को अपना आराध्यदेव मानते हैं और दूसरी ओर उनकी आज्ञा का उल्लंघन करके उनकी ही अवज्ञा करते हैं। इसका कारण यह है कि वे अनादिकाल से मोह के वशीभूत हैं ।। १४ ।। उपसंहार मोक्खत्थिणा तओ इह आणाए चेव सव्वत्थवि जइयव्वं संमंति कयं मोक्षार्थिना तत इह आज्ञयैव सर्वत्रापि यतितव्यं सम्यगिति कृतं इसीलिए मोक्ष के अभिलाषी को आज्ञा के सर्वत्र भलीभाँति प्रयत्न करना चाहिए। इस प्रकार प्रसंगवश आज्ञा की प्रधानता की पगेण ॥ १५ ॥ सर्वयत्नेन । प्रसङ्गेन ।। १५ ।। अनुसार ही सावधानीपूर्वक बात यहाँ पूर्ण हुई ।। १५ ।। Jain Education International सव्वजत्तेणं । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001701
Book TitlePanchashak Prakaranam
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorSagarmal Jain, Kamleshkumar Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1997
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Religion, & Ritual
File Size24 MB
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