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________________ द्वितीय ] जिनदीक्षाविधि पञ्चाशक २५ मुक्ता-शुक्ति के समान हाथ की मुद्रा बनाकर वायुकुमार आदि देवताओं का अपने-अपने मन्त्रों से आह्वान करना चाहिये। फिर उन-उन देवताओं का भूमिशुद्धिरूप परिमार्जन या जलसिञ्चन आदि के द्वारा सम्मान करना चाहिये ।। १२ ।। वाउकुमाराहवणे पमज्जणं तत्थ सुपरिसुद्धं तु ।। गंधोदगदाणं पुण मेहकुमाराहवणपुव्वं ।। १३ ।। वायुकुमारावाने प्रमार्जनं तत्र सुपरिशुद्धन्तु ।। गन्धोदकदानं पुनः मेघकुमाराह्वनपूर्वम् ।। १३ ।। वायुकुमार का आह्वान करने के पश्चात् मेरे आमन्त्रण से वायुकुमारदेव समवसरण की भूमि शुद्ध कर रहे हैं - ऐसी मानसिक कल्पना करके दीक्षास्थल का प्रमार्जन व परिशोधन करना चाहिये। तत्पश्चात् मेघकुमार का आह्वान करके समवसरणभूमि पर (धूल नहीं उड़े इसके लिये) गन्धोदक (सुगन्धित-जल) का छिड़काव करना चाहिए ।। १३ ।। उउदेवीणाहवणे गंधड्ढा होइ कुसुमवुट्ठीत्ति' । अग्गिकुमाराहवणे धूवं एगे इहं बेति ।। १४ ।। ऋतुदेवीनामाह्वाने गन्धाढ्या भवति कुसुमवृष्टिरिति । अग्निकुमाराह्वाने धूपमेकमिह ब्रुवन्ति ।। १४ ।। उसके बाद वसन्त, ग्रीष्म आदि छ: ऋतुओं का आह्वान करके सुगन्ध एवं पुष्प की वृष्टि करनी चाहिये। फिर अग्निकुमार देवताओं का आह्वान करके अगरबत्ती या धूप जलाना चाहिये। कुछ विद्वानों का कहना है कि किसी देवता का नाम लिये बिना सर्वसामान्य देवताओं का आह्वान करके धूप खेना चाहिये ।। १४ ।। वेमाणियजोइसभवणवासियाहवणपुव्वगं तत्तो । पागारतिगण्णासो मणिकंचणरुप्पवण्णाणं ।। १५ ।। वैमानिक-ज्योतिष-भवनवासितनामाह्वानपूर्वकं ततः । प्राकारत्रिकन्यास: मणिकञ्चनरूप्यवर्णानाम् ।। १५ ।। वैमानिक (सौधर्मादि), ज्योतिष (चन्द्रादि) एवं भवनवासी (असुरादि) देवताओं का आह्वान करके रत्न, सुवर्ण और रौप्य (चाँदी) जैसे रंगवाले तीन प्राकार बनाने चाहिये। क्योंकि भगवान् के समवसरण में वैमानिक देवादि अन्तर, मध्य और बाह्य - ये तीन प्राकार क्रमश: रत्न, सुवर्ण और चाँदी के बनाते हैं ।। १५ ॥ १. 'कुसुमवुट्ठित्ति' इति पाठान्तरम्। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001701
Book TitlePanchashak Prakaranam
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorSagarmal Jain, Kamleshkumar Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1997
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Religion, & Ritual
File Size24 MB
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