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________________ प्रथम] श्रावकधर्मविधि पञ्चाशक ४. न्यास-अपहरण : किसी व्यक्ति के द्वारा विश्वासपूर्वक रखी गयी वस्तु का अपहरण करना और उसे यह कहकर वापिस नहीं देना कि उसने दी ही नहीं है, न्यास अपहरण है। ५. कूटसाक्षी : न्यायालय में झूठी गवाही देना कूटसाक्षी है ।। ११ ।। इह सहसब्भक्खाणं रहसा य सदारमंतभेयं च । मोसोवएसयं कूडलेहकरणं च वज्जेइ ।। १२ ।। इह सहसाभ्याख्यानं रहसा च स्वदारमन्त्रभेदं च । मृषोपदेशकं कूटलेखकरणं च वर्जयति ।। १२ ।। स्थूलमृषावादविरमण व्रत में श्रावक को सहसा कथन अर्थात् बिना विचारे निर्दोषी को दोषी कहना, एकान्त में हुई बात को प्रकट करना, अपनी पत्नी के द्वारा कही गयी गुप्त बात को दूसरों के सामने प्रकट करना, दूसरों को झूठ बोलने की सलाह देना और जाली लेख लिखना - इन पाँच अतिचारों का त्याग करना होता है ।। १२ ।। थूलादत्तादाणे विरई तं दुविहमो उ णिद्दिटुं । सच्चित्ताचित्तेसु लवणहिरण्णाइवत्थुगयं ।। १३ ।। स्थूलदत्तादाने विरतिः तद् द्विविधं तु निर्दिष्टम् । सचित्ताचित्तेषु लवणहिरण्यादिवस्तुगतम् ।। १३ ।। स्थूल अदत्तादानविरमण तीसरा अणुव्रत है। अदत्तादान का अर्थ है - नहीं दिया हुआ लेना अर्थात् चोरी करना। अत: चोरी का त्याग करना स्थूल अदत्तादान विरमण है। यह सचित्त और अचित्त के भेद से दो प्रकार का कहा गया है। नमक, पशु आदि की चोरी करना सचित्त सम्बन्धी चोरी है और स्वर्ण आदि की चोरी करना अचित्त सम्बन्धी चोरी है ॥ १३ ॥ वज्जइ इह तेणाहडतक्करजोगं विरुद्धरज्जं च । कूडतुलकूडमाणं तप्पडिरूवं च ववहारं ॥ १४ ॥ वर्जयति इह स्तेनाहततस्करयोगं विरुद्धराज्यं च । कूटतुलाकूटमानं तत्प्रतिरूपञ्च च व्यवहारम् ।। १४ ।। तीसरे अणुव्रत का धारी श्रावक चोरी से लाई हुई वस्तु के खरीदने का त्याग करता है (उसे खरीदता नहीं है)। चोर को चोरी करने की प्रेरणा नहीं देता है। जिस राज्य में जाना निषिद्ध हो उस राज्य में या उस राज्य के सैन्य-क्षेत्र में नहीं जाता है अथवा राज्य के आदेश के विरुद्ध आचरण नहीं करता है। कम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001701
Book TitlePanchashak Prakaranam
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorSagarmal Jain, Kamleshkumar Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1997
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Religion, & Ritual
File Size24 MB
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