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सम्पादकीय
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(३) मूलना प्रतीको ' आवा एकवडा अवतरणचिह्न (सिंगल इनवर्टेड कोमा) नी अन्दर मुकी मोटा अक्षरो (बोल्ड टाइपो ) मां आप्यां छे.
(४) मूलना जे शब्दोनुं विवेचन करवामां आव्युं छे, ते शब्दो संस्कृतभाषामां परिवर्तित करी एका अवतरणचिह्न (सिंगल इनवर्टेड कोमा) मां मुक्या छे.
(५) वाचकोनी सगवड माटे अल्पविराम पूर्णविराम प्रश्नचिह्न वगेरे यथास्थाने मुकवामां आव्यां छे. (६) प्रमाणतरीके उद्धृत पाठो बेवडा अवतरणचिह्न (डबल इनवर्टेडकोमा ) मां सूकी मोटा अक्षरो ( बोल्ड टाइपो ) मां आप्या छे.
(७) प्रमाण तरीके निर्दिष्ट ग्रन्थ तथा ग्रन्थकारोनां नामो मोटा अक्षरो (बोल्ड टाइपो ) मां आपवामां आव्यां छे.
(८) जमणी बाजू हेडिंगमा अधिकारनु ं नाम तथा ते ते विषयनुं सूचन कर्यु छे । डावी बाजू प्रस्तुत ग्रन्थनुं नाम अने गाथाङ्क सूचव्यो छे.
( ९ ) विषयनी विशेष समजुती माटे ४० चित्रो अने विषयने याद राखवा २७ यन्त्रो आपवामां आव्या छे.
(१०) मोक्षस्वरूपविचार नामना दार्शनिक प्रकरणमा नैयायिक वगेरे दर्शनकारोना पूर्वपक्ष ज्यां खण्डन करवामां आव्यु छे, त्या पानानी नीचे लीटी दोरी पूर्वपक्षनी दलिलोनो पंक्तिना अंक सहित पृष्ठाङ्क आप्यो छे.
(११) विषयानुक्रम विस्तृत बनाववामां आव्यो छे, जेथी वांचको सम्पूर्ण ग्रन्थना विषयने सरलताथी याद राखी शकशे अने ग्रन्थान्तरना संशोधको इष्टविषयनुं अविलंबे निरीक्षण करी शकशे.
जरूरी परिशिष्टो
(१) प्रथम परिशिष्टमां क्षपकश्रेणिग्रन्थनी २७१ मूलगाथाओ आपी छे.
(२) बीजा परिशिष्टमां अकारादिकमे गाथाओनां आद्यपदो आप्यां छे.
(३) गाथाओ जे जे छंदोमां बनावी छे. ते ते छंदोनां नामोनो निर्देश त्रीजा परिशिष्टमां कर्यो छे. (४) प्रमाण तरीके उद्धृत ग्रन्थोनां नामोनो उल्लेख चोथा परिशिष्टमां कर्यो छे.
(५) प्रमाण तरीके निर्दिष्ट ग्रन्थकारोनां नामो पांचमा परिशिष्टमां जणाव्यां छे.
( ६-७-८) आ त्रण परिशिष्टोमां अनुक्रमे व्याकरणसूत्रो, न्यायो अने गणितकरणसूत्रो दर्शाव्यां छे. (९) आ परिशिष्टमां शतकचूर्णि उपर पूज्य आ० म० श्री मुनिचन्द्रसूरीश्वर महाराजे रचेला टीप्पणनो थोडो अत्युपयोगी भाग आप्यो छे, प्रस्तुत खवगसेढो ग्रन्थमां किट्टिगुणकार वगेरे पदार्थो समर्थन करतो आ टिप्पणनो भाग घणो महन्वनो छे.
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