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विशेष-विवरण
क्रम सं| दीक्षा क्रम| साध्वी-नाम जन्मसंवत् स्थान | पिता-नाम गोत्र दीक्षा संवत् स्थान | स्वर्गवास | 113. | 1170 श्री सिणगारांजी| बाजोली धाड़ीवाल 1901 मा. शु. 11 | किशनगढ़
| 118 |
श्री रुकमांजी | राजलदेसर
| गिड़िया
1901 वै. कृ. 10 | नाथद्वारा
श्री चंदनाजी | थोरिया घाटा श्री लिछमांजी बोरावड
चोरडिया बोथरा
| 1901 ज्ये. कृ. 2 | राजनगर 1901 आषा. शु. 6 लाडनूं
डीडवाणा
घोड़ावत
1902 मृ. शु. 4
| लाडनूं
सरसांजी श्री डाहीजी - श्री रामाजी
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सूरवाल
पोरवाल
1902 पौ. शु. 2
|
सूरवाल
900
000 000
| मुनि बींजराजजी की माता, तप-8, 10, 11, 14,34 उपवास, संवत् 1924 में पंडितमरण मुनि चतुर्भुजजी व छोगजी आर्या की माता, निर्मल संयम के साथ सं. 1916| बोरावड़ में दिवंगत संवत् 1918 सुजानगढ़ में दिवंगत तप-16, 22, 30 उपवास, संवत् 1918 बीदासर में स्वर्गस्थ संवत् 1911 किसनगढ़ में पंडितमरण संवत् 1909 में गण से पृथक् उपवास से 21 दिन तक लड़ी, 30, 31, 44 का तप, संवत् 1942 में दिवंगत ऋषिराय युग में छोटी रावलिया में दिवंगत संवत् 1916 के बाद जययुग में दिवंगत तप-7, 13, मासखमण, संवत् 1915 में दिवंगत तप-4 मासखमण, 35, 13,9 का तप, संवत् 1921 में दिवंगत सजोड़े दीक्षा, संवत् 1919 में दिवंगत | तप-30, 21, 35, 35, 30, 22, 25 उपवास का तप,स्वर्गवास संवत् 1930 तप-8, 9, 15, 15 उपवास, संवत् 1934 या 36 में दिवंगत तप-10, 8, 11, 6 उपवास, संवत् 1940 में स्वर्गस्थ
श्री ज्ञानांजी | सोनारी
सरदारांजी सुजानगढ़ 7 श्री सरुपांजी मुसालिया
पोरवाल भंसाली छाजेड़
1902 पौ. शु. 10 | भगवतगढ़ 1902 मा. शु. 1 | सुजानगढ़ 1902 वै. शु. 5
पाली
श्री सीताजी | खेरवा
| वैद मुंहता
1902 आषा. शु. 8| पाली
ॐ श्री वगतूजी - श्री मूलांजी
माधोपुर आसोतरा
पोरवाल | चोपड़ा
1903 भा. शु. 15 | 1903 म. कृ. 2
जयपुर पचपदरा
| श्री हस्तूजी | देवगढ़
सहलोत
1903 म. कृ. 13
रतलाम
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जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास
श्री सुरतांजी | पुर
सिंधी
1903 पौ. कृ. 1
| दंतोरी