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विशेष-विवरण
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क्रम सं| दीक्षा क्रम साध्वी-नाम |जन्मसंवत स्थान | पिता-नाम गोत्र | दीक्षा संवत् स्थान | स्वर्गवास 103 In श्री तीजांजी | बीदासर
1899 फा. शु. 1 बीदासर
100. |
मुणोत
101
बैंगानी
बीदासर
104 105
श्री मकतूलांजी| बीदासर श्री अनां जी | लाडनूं
1900 - 1900
तेरापंथ परम्परा की श्रमणियाँ
| दूगड़
103
106
00000
सरदारशहर
104.
107 108
In श्री बन्नांजी
o श्री रोडांजी - श्री सोनांजी
नींवेडा
*गेलड़ा डेरल्या चोरडिया
1900 मा. कृ. 7 लाडनूं 1900 मा. शु. 14 आरज्या 1900 फा. शु. 4 | हींगोला
105.
हींगोला
106.
- श्री चूनांजी
सवाई
गेलड़ा
1900 मा. कृ.7
| लाडनूं
107.
- श्री अमरुजी | किशनगढ़
मुणोत
1900 ज्ये. कृ. 12
| हरमाला
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1668
तप-8, 11, 21, संवत् 1923 चाडवास में दिवंगत संवत् 1919 में दिवंगत तप-14, 16, 31, 34, 34, संवत् 1927 में स्वर्गस्थ संवत् 1906 बीदासर में पंडितमरण सजोड़े दीक्षा संवत् 1918 में स्वर्ग-प्रस्थान तप-7, 9, 15, 16 दिन का तप, स्वर्गवास संवत् 1937 कुल तपसंख्या-268, संवत् 1964 के पूर्व डालिमयुग में दिवंगत तप-8, 12, 15, 21 दिन का, संवत् 1949 माणकयुग में दिवंगत तप के कुल 2505 दिन, दस प्रत्याख्यान 41, दो विगय से अधिक का त्याग, संवत् 1943-64 के मध्य दिवंगत तप-5 मासखमण, 20, 21 दिन का तप, संवत् 1946-64 के मध्य दिवंगत संवत् 1930 मेंस्वर्ग-प्रस्थान, तप-संख्या 1376 चार सूत्र कंठस्थ, 31 सूत्रों का वाचन, प्रवचनदक्ष, 3 बहनों को दीक्षा दी, 50 वर्ष शीतकाल में एक पछेवड़ी व 7 वर्ष रात्रि में एक साड़ी में रहीं। कुल तप दिन-494 संवत् 1955 में दिवंगत सेवापरायणा, संवत् 1925 सुजानगढ़ में समाधिमरण
108.
| 1120
श्री कुन्नणांजी | लूणसर
बागमार
1900 फा. कृ. 11 | चारणावास
- श्री मूलांजी | बाजोली
1901 -
- श्री सेऊजी
तलेसरा
अटाट्या गोगुंदा
1901 मृ. शु. 1 1901 मृ. शु. 1
गोगुंदा | गोगुंदा
.
श्री रंगूजी
कुणावत
| 112. | 116
|
श्री उमेदांजी | फलौदी
| 1901 पौ. शु. 3
फलौदी
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