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तेरापंथ परम्परा की श्रमणियाँ
पर पी.एच.डी. की। सिद्धान्त एवं दर्शन से संबंधित 20 शोध-निबंध लिखकर जैन-साहित्य भंडार की वृद्धि की। आपने तप के क्षेत्र में 800 उपवास 110 बेले 21 तेले सहित 8 उपवास तक क्रमबद्ध तप किया, एकासन की 1 से 33 तक लड़ी तथा आयंबिल की 1 से 9 तक की लड़ी की।
7.11.103 श्री सहजप्रभाजी 'टापरा' (सं. 2046-वर्तमान) 9/587
आपका जन्म संवत् 2019 टापरा के पालगोता गोत्र के श्री छगनलालजी के यहां हुआ, संवत् 2040 को अहमदाबाद में समणी दीक्षा अंगीकार की, छह वर्ष समणी अवस्था में रहकर माघ शुक्ला 5 को लाडनूं में श्रमणी दीक्षा अंगीकार की। आपने जीवन विज्ञान में एम.ए. कर 'स्वप्न विज्ञान' पर शोध-निबंध लिखा।
7.11.104 श्री सविताश्रीजी 'लाडनूं' (सं. 2046-वर्तमान) 9/590
आपके पिता श्री रतनलालजी बेगवानी हैं, 24 वर्ष की वय में संवत् 2046 माघ शुक्ला 5 को लाडनूं में दीक्षा ग्रहण की। आपने भी संस्थान से जैन दर्शन पर एम.ए. किया। 'जैन सिद्धान्त दीपिका एक समीक्षात्मक अध्ययन' पर पी.एच.डी. की। आपको हजारों गाथाएं कंठस्थ हैं।
7.11.105 श्री स्वस्तिकाश्रीजी 'श्री डूंगरगढ़' (सं. 2046-वर्तमान) 9/591
आपका जन्म घीया गोत्र में सं. 2022 को हंसराजजी के यहां हुआ, एम.ए. की शिक्षा प्राप्त कर माघ शुक्ला को आप लाडनूं में दीक्षित हुईं। आपको करीब 4 हजार पद्य कंठस्थ हैं, 40 के लगभग लेख एवं गीत लिखकर जैन भारती को अनुदान दिया।
7.11.106 श्री शुभप्रभाजी 'राजगढ़' (सं. 2048-वर्तमान) 9/598
आप मुसरफ गोत्र के श्री पृथ्वीराजजी की कन्या हैं, 28 वर्ष की अविवाहित वय में सं. 2038 चैत्र शुक्ला 15 को जयपुर में समण दीक्षा ग्रहण करने के पश्चात् संवत् 2048 कार्तिक शुक्ला10 को लाडनूं में श्रमणी दीक्षा स्वीकार की। आपने जैन दर्शन में एम.ए. किया तथा लगभग चार वर्ष विज्ञप्ति लेखन का कार्य कर संघ को योगदान दिया।
7.11.107 श्री समप्रभाजी ‘मोमासर' (सं. 2048-वर्तमान) 9/599
आपने संवत् 2043 में समणी दीक्षा के बाद कार्तिक शुक्ला 10 को लाडनूं में श्रमणी दीक्षा ली, आप बाल तपस्विनी हैं। 6 वर्ष की वय में अठाई कर सबको चमत्कृत कर दिया। दीक्षा के पश्चात् भी वर्षीतप बेले-बेले तप, चार अठाई, एक से 15 तक उपवास की लड़ी, आठ वर्षों से 5 विगय वर्जन आदि करके श्रमण-संस्कृति की गरिमा को बढ़ा रही हैं। आप मोमासर के मांगीलालजी सेठिया की सुपुत्री हैं, आपका जन्म संवत् 2023 है। 7.11.108 श्री लक्ष्मीवतीजी 'राजगढ़' (सं. 2048-48) 9/601
आपकी अद्भुत एवं लम्बी तपस्या आज के युग में एक चुनौती है। आपने उपवास 1057, बेले 70, तेले 62, चार 51, पांच 50, छह 9, सात 7, आठ 8, नौ 5, दस 3, 11 चार बार, 13 चार बार, 17 से 29 उपवास
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